सरकारी विद्यालय के टीचर पर रेप सहित गंभीर मामलों में केस दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तार नही कर रही पुलिस
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बस्ती। बस्ती जिले में पुलिस किसी समान्य व्यक्ति पर सामान्य धाराओं में भी मुकदमा दर्ज हों तो पुलिस कालर पकड़कर उसे उठा ले जायेगी। किन्तु आरोपी सरकारी कर्मचारी हो तो उसे बंचाने में पूरा अमला लग जाता है। जिले के गौर विकास क्षेत्रसे एक ऐसा ही मामला चर्चा मे है। परिषदीय विद्यालय जलालाबाद में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक पवन कुमार पर अपनी ही छात्रा के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
आरोपी ने कक्षा 6 की छात्रा से पानी मांगा और उसे कमरे में ले जाकर उसके साथ घिनौनी हरकत की। घटना 15 सितम्बर 2023 की है। पीड़ित पिता शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की चैखट पर सिर पटकता रहा लेकिन एफआईआर नही दर्ज हुई।
मजबूर होकर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया जहां से मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी हुआ। काफी मशक्कत के बाद पैकोलिया पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपी पर आंच नही आई। खबर है कि स्थानीय पुलिस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी मे है। आरोपी पवन कुमार पर पैकोलिया थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली छात्रा के मां की तहरीर पर आईपीसी की धारा 376एबी, 354बी, 504, 506 तथा पॉक्सो एक्ट 5ध्6, 9ध्10 के तहत मुकदमा दर्ज। इसमे 7 साल से अधिक और उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
अब आप समझ सकते हैं यही मुकदमा किसी सामान्य व्यक्ति पर दर्ज हुआ होता तो पुलिस उसका घर खोद डालती। सरकारी कर्मचारी होने का इतना फायदा है कि जिम्मेदार उसकी घिनौनी हरकत को भी नजरअंदाज कर सकते हैं। 17 जनवरी को पीड़ित ने सीडब्लूसी को प्रार्थना पत्र देकर नाबालिग से जुड़े प्रकरण में कार्यवाही की मांग किया है। इससे पहले एसपी, डीआईजी सभी से फरियाद कर चुका है। प्रकरण में अब तक कोई कार्यवाही न होने से पीड़ित परिवार को परोक्ष अपरोक्ष धमकियां दी जा रही हैं।
समझौते का नाजायज दबाव बनाया जा रहा है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उसके परिवार के साथ कोई अनहोनी हुई तो स्थानीय पुलिस तथा महकमे के उच्चाधिकारी इसके जिम्मेदार होंगे। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डा. आलोक रंजन वर्मा ने भी इस प्रकरण में पुलिस कप्तान से मिलकर अविलम्ब आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग आरोपी पीड़ित छात्र के परिजनों को जान से मारने की धमकी दिया जा रहा है जब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती है तब तक छात्र और उनके परिवार वालों पर डर बसा रहेगा सुलह करने का दबाव डालता है।
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