ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 248 शिक्षकों से विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण
सरकारी निर्देशों की अनदेखी कर रहे शिक्षक, विभाग ने जताई नाराजगी

जितेन्द्र कुमार "राजेश"
सुपौल। विभाग के सख्त निर्देशों के बावजूद बड़ी संख्या में शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जब-जब विभाग द्वारा पोर्टल की समीक्षा की जाती है, सैकड़ों शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज नहीं पाई जाती है।
इसी कड़ी में 29 मार्च को की गई समीक्षा में जिले के 248 शिक्षकों की उपस्थिति पोर्टल पर शून्य पाई गई। इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) राहुल चंद चौधरी द्वारा ऐसे सभी शिक्षकों से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस सूची में प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक तथा सहायक शिक्षक शामिल हैं।
डीपीओ ने स्पष्ट किया है कि उक्त शिक्षकों का यह आचरण कार्य के प्रति लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी संबंधित शिक्षक विद्यालय अवधि के बाद अपने-अपने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उन स्पष्टीकरणों की समीक्षा कर 48 घंटे के भीतर विभाग को मंतव्य सहित रिपोर्ट सौंपेंगे।
जिन प्रखंडों के शिक्षक शामिल हैं, उनमें बसंतपुर के 12, छातापुर के 25, किशनपुर के 12, मरौना के 15, निर्मली के 6, पिपरा के 24, प्रतापगंज के 22, राघोपुर के 21, सरायगढ़ के 11, सुपौल के 69 और त्रिवेणीगंज के 34 शिक्षक शामिल हैं।
गौरतलब है कि विभाग ने 1 अक्टूबर 2023 से शिक्षकों के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने और विद्यालय छोड़ने—दोनों समय पर फेस स्कैन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होती है।
यह पहला मौका नहीं है जब विभाग ने लापरवाह शिक्षकों से जवाब मांगा हो। इससे पहले की गई दो समीक्षाओं में क्रमशः 1228 और 385 शिक्षकों से भी इसी मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। हालिया समीक्षा से स्पष्ट है कि अब भी कई शिक्षक इस डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
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