एक माह में सात केंद्रों पर 2800 कुंतल खरीदा गया धान
1 नवंबर से शुरू की गई सरकारी धान की खरीद पर ग्रहण लगा हुआ है
मिल्कीपुर, अयोध्या।सरकार के लाख दावों के बावजूद धान क्रय केंद्र किसानों से धान की खरीद नहीं कर रहे हैं 1 नवंबर से शुरू की गई सरकारी धान की खरीद पर ग्रहण लगा हुआ है यह अलग बात है कि सरकार की फाइलों में धान की खरीद तेजी से की जा रही है अमानीगंज विकासखंड के 7 धान क्रय केंद्रों में धान खरीद का आंकड़ा चौंकाने वाला है यहां कुल मिलाकर 60 किसानों का धान खरीदा गया है और खरीदे गए धान की मात्रा 28 सौ कुंतल बताई गई है
साधन सहकारी समिति अमानीगंज पर 13 किसानों से 457 कुंतल धान खरीदा गया है जबकि साधन सहकारी समिति रौतावां में 8 किसानों से 402 कुंटल धान की खरीद नवंबर माह में की गई है इसी तरह साधन सहकारी समिति देव गांव में 385 कुंतल धान 8 किसानों से खरीदा गया है जबकि विपणन शाखा के केंद्र खंडासा पर 13 किसानों से 480 कुंतल धान खरीदा गया है साधन सहकारी समिति जगदीशपुर में लगभग 500 कुंतल धान 18 किसानों से खरीदा गया है
वही साधन सहकारी समिति भोडेपुर में 335 कुंटल धान खरीदा गया जिसमें कुल 10 किसान शामिल बताए गए हैं इस तरह से अगर देखा जाए तो जिले में सर्वाधिक क्रय केंद्र वाले अमानीगंज विकासखंड में धान की खरीद सरकारी आंकड़ों के बिलकुल खिलाफ है जहां केंद्र तो 7 बनाए गए हैं लेकिन खरीदे गए धान की मात्रा 28 सौ कुंतल पूरे नवंबर माह में दर्ज की जा सकी है एक तरफ जहां 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक पूर्वांचल में गेहूं की बुवाई होती है
और तिलहनी फसलों की बुवाई का 80% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है तथा 50% गेहूं की बुवाई भी किसान कर चुके हैं ऐसे में धान खरीद केंद्रों की दशा देख कर इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान अपना धान व्यापारियों के हाथों ने पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं बाजार में धान का भाव ग्यारह सौ से लेकर 12:सौ रूपये के बीच में ही है जबकि सरकार द्वारा एमएसपी के आधार पर 1940 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से खरीद के लिए धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं
लेकिन यह सफेद हाथी साबित हो रहे हैं इस संबंध में साधन सहकारी समिति के ए आर प्रमोद शुक्ला ने बताया कि राइस मिल एसोसिएशन द्वारा हड़ताल के कारण क्रय केंद्रों का अनुबंध मिलों से नहीं हो पा रहा है जिसके कारण धान की उठान बाधित हो गई है इस संबंध में शासन स्तर पर और जिला स्तर पर भी राइस मिल मालिकों से बात की जा रही है जिसके बाद धान खरीद में तेजी आएगी ।
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