भीषण बारिश से किसान परेशान पूरी फसलें चौपट

भीषण बारिश से किसान परेशान पूरी फसलें चौपट

बारिश से हमारा पूरा क्रॉपिंग सेंसरियों बिगड़ गया है कई लाख रुपए का मेरा स्वयं का नुकसान हुआ है  सरकार से किसी भी प्रकार का बीमा का लाभ नहीं मिलता 


स्वतंत्र प्रभात

सीतापुर 16 सितंबर जहां एक तरफ सूखे से किसान परेशान थे वहीं पर बारिश ने कहर ढा दिया। लखनऊ बीते 24 घंटे के अंदर बारिश के कारण लखनऊ एवं आस पास के जिलों मे बारिश ने तबाही मचा दी है। वहीं पर पूरे उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदानी क्षेत्र में प्रमुख रूप से सभी जिले अधिक प्रभावित हुए। एक तरफ जहां पर पूरा खरीफ का समय सूखे में बीत गया किसान  समय पर अपनी फसलों की बुवाई नहीं कर पाए और धान की नर्सरी किसानों ने समाप्त कर दी थी पौध रोपाई समय पर नहीं हो पाई वहीं पर पिछले 20 घंटे से अधिक का समय बीत रहा है और अभी भी निरंतर मूसलाधार बारिश हो रही है। चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रमुख रूप से धान, बजरा, मक्का, उरद, सफेद तिल, केला, गन्ना एवं सिंघाड़ा तथा सब्जियों की फसलें डुब गयी। चन्द्रभानु गुप्त कृषि

स्नातकोत्तर महाविद्यालय बख्शी का तालाब के कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि भारी बारिश से किसान की फसलें पूर्ण रूप से डूब गयी है अधिक नुकसान हुआ है। वहीं पर बहुत से किसानों ने छोटी पत्ती सब्जियों में पालक, सोया मेथी एवं धनिया की बुवाई कर दी थी पूरी फसल डूब गई। कोटवा के प्रगतिशील किसान सौरभ मौर्य ने बताया कि इस वर्ष अधिक गर्मी और बरसात न होने के कारण किसानों ने लेट गोभी की नर्सरी डाली थी जिससे गोभी की फसल पूरी की पूरी डूब गई है पूरी फसलें चौपट हो गई हैं वहीं पर, खीरा, कद्दू, तरोई,सहित कई खेतों में अभी पानी भरा हुआ है।कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो गजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रमुख रूप से किसान का क्रॉपिंग सेंसरियों बिगड़ गया है आने वाला समय सिर्फ गेहूं के लिए अच्छा होगा सब्जियां महंगी होंगी तथा तोरिया की बुवाई किसान नहीं कर पाएंगे जिससे तिलहन

पर प्रभाव पड़ेगा। भौली के प्रगतिशील किसान महेश सिंह ने बताया कि तेज हवा से ज्वार,बाजरा एवं मक्का की फसलें पूरी चौपट हो गयी है, उन्होंने कहा कि तेज हवा से पूरी ज्वार की फसल जमीन में चिपक गई है जलभराव से  यह फसलें सड़ जाएंगी और उत्पादन बिल्कुल नहीं होगा प्रमुख रूप से चारा की भी बड़ी समस्या आने वाली है। डॉ सिंह ने बताया कि सिंघाड़ा किसानों की फसल बह गयी, सिंघाड़ा किसानों को  बीमा का लाभ भी सरकार द्वारा नहीं मिलता । केला किसानों की फसलें भी प्रभावित, हवा से पौधे टुट गये। नगर पंचायत बख्शी का तालाब के प्रगतिशील किसान धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से समन्वित सब्जी प्रबंधन का कार्य हमारे फार्म हाउस पर किया जाता था बारिश से हमारा पूरा क्रॉपिंग सेंसरियों बिगड़ गया है कई लाख रुपए का मेरा स्वयं का नुकसान हुआ है। सरकार से किसी भी प्रकार का बीमा का लाभ नहीं मिलता।

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