परजीवी पर नियंत्रण से बढ़ सकता है दुग्ध उत्पादन -कुलपति

स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर, अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा महाविद्यालय में सोमवार को परजीवी रोगों के निदान और नियंत्रण में हालिया प्रगति विषय पर दो दिवसीय राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पशु चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन परजीवी विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित किया गया। पूर्वांचल के 25 चिकित्सकों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम को बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि परजीवी पर नियंत्रण करके दुग्ध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है और पशुपालक अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं। उन्होंने कहा की पशुओं की रक्त जांच के लिए आधुनिक उपकरण महाविद्यालय के लैब में मौजूद है। सही समय पर जांच करके पशुओं को किसी भी प्रकार की बीमारी या होने वाले खतरे से बचाया जा सकता है। पशुओं को बीमारी से बचाव के लिए सही समय पर उपचार जरूरी है।
प्रमुख वैज्ञानिक डा. रजत गर्ग ने बताया कि यकृत कृमि (लीवर फ्लूक) गाय, भैंस, भेंड़ बकरियों में होता है। इस बीमारी में पशुओं में भूख लगना कम हो जाता है। पशुओं में कब्जियत-दस्त व घेंघा फूलने लगता है। इसके उपचार के लिए ऑक्सीक्लोजाननाइड 10 से 15 मिग्रा, प्रति किग्रा वाले पशुओं को दिया जाता है। इसी प्रकार चेरा रोग, कृमि रोग, हुक कृमि, थेलेरियोसिस, बेबेसियोसिस तथा खाज या स्कैबीज आदि परजीवी रोग होते हैं। इन बीमारियों का उचित समय पर इलाज बहुत जरूरी है। इसी क्रम में प्रमुख वैज्ञानिक डा. हीराराम व डा. राजेंद्र कुमार ने नवीनतम तकनीकियों के विषय में जानकारी दी।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजन सचिव डा. अमित कुमार सिंह रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. वीके पाल व धन्यवाद ज्ञापन डा. आरपी दिवाकर ने किया। इस मौके पर डा. जसवंत सिंह, डा. पीएस प्रमाणिक, डा. ए.के गंगवार, डा. आरके जोशी, डा. डी.नियोगी सहित अन्य छात्र-छात्राएं मौके पर मौजूद रहे।
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
.jpg)
अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel

शिक्षा
राज्य

Comment List