केवल ईश्वर की भक्ति मे ही जीवन की तृप्ति है :- डॉ श्रीरामाचार्य जी महाराज

केवल ईश्वर की भक्ति मे ही जीवन की तृप्ति है :- डॉ श्रीरामाचार्य जी महाराज

स्वतंत्र प्रभात अयोध्या 

अयोध्या रामघाट के पास स्थित राम कृष्ण सेवा आश्रम के प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ श्रीरामाचार्य जी  महाराज जी की श्री भागवत कथा चल रही है जिसके मुख्य यजामन उत्तराखंड से आये मधु गर्ग एंव विनय गर्ग है श्रीरामाचार्य महाराज के मधुर वाणी और संगीतमय कथा से अयोध्या परिक्रमा करने आये देश के विभिन्न जगहों के श्रद्धालू स्थानीय लोग सहित सभी जनमानस कथा का रस पान करके खुद को पुण्य का भागी बना रहे है l

कथा मे भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा कहते हुए श्रीरामाचार्य जी महाराजा ने इस प्रसंग को बड़ी ही जीवंत रूप से कहा भगवान राजाबली के सामने ज़ब गए तो वो अपना 100वा यज्ञ कर रहे थे भगवान कि क्या वेश भूषा थी दिव्य रंग उनके मुख की आभा का वर्णन उसी रूप मे राजा बली से तीन पग जमीन माँगी तो राजाबली के ह्रदय से जो आवाज उठी यह कोई सामन्य वटुक नहीं लगते जो की सत्य भी था ऐसे ही अगर आपके ह्रदय से कोई आवाज आये तो उसकी अनदेखी न करे वह तो भगवान थे l

सब उनकी इच्छा से ही होना था लेकिन अपके निजी जीवन मे भी इसका बड़ा महत्व है सही गलत की पहचान केवल वेश भूषा के आधार पर न करे ऐसी हिदायत देते हुए अगले प्रसंग मे कहा कि केवल परमात्मा के भक्ति से ही इस आत्मा रूपी शरीर को तृप्ति है बाकी संसार की कोई भी वस्तु नहीं आपको तृप्त कर सकती है भक्तो की भारी भीड़ महाराज के अनमोल वचनो और भगवान के भजन सुन झूमते नजर आये l 

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