आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन तक पहुंची ड्रग इंस्पेक्टर की भ्रष्टाचार और अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने की शिकायत।
आयुक्त से की निष्पक्ष जांच की मांग

पीड़ितों ने सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ पर लगाया पक्षपात और एकपक्षीय कार्रवाही करने और साक्ष्यों को छुपाने का आरोप
फोलोअप
मो.अरमान विशेष संवाददाता
उन्नाव।
बीते दिनों होलसेल और रिटेल दवा विक्रय लाइसेंस पाने के लिए आवेदन करने वालों में एक महिला व एक पुरुष आवेदक ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर जिला अधिकारी को संबोधित करते हुए शिकायत की थी कि औषधि निरीक्षक अशोक कुमार द्वारा सुविधा शुल्क की मांग पूरी न करने पर बिना कारण बताएं उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
उक्त प्रकरण जैसे ही जिलाधिकारी गौरांग राठी के संज्ञान में आया था उन्होंने अपने कार्यालय में दोनों पक्षों को सुनकर पीड़ित पक्ष को मदद का दिया था आश्वासन जिसके बाद तत्काल सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल ने पीड़ितों से फोन पर बात कर जारी कर दिया था औषधि लाइसेंस। पीड़ितों द्वारा शिकायत के आधार पर सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल ने पीड़ितों से साक्ष्य उपलब्ध कराने हेतु एक पत्र दिनांक 25.5.2024 को भेजा था जो पीड़ितो को 27.5.2024 को सांय प्राप्त हुआ। जो पीड़ितो द्वारा 29.5.2024 को सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल को रजिस्टर डाक द्वारा मय हलफनामा और गवाह हलफनामा के साथ भेज दिया गया था।
जिसके बाद भी सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल ने शिकायत का निस्तारण बिना साक्ष्यों के अवलोकन किये औषधि निरीक्षक अशोक कुमार को बचाते हुए आरोपों को निराधार बताते हुए और पीड़ितों द्वारा साक्ष्यों को उपलब्ध न कराने की बात करते हुए शिकायत का गलत तरीके से निस्तारण कर दिया गया था। जिसके बाद पीड़ितों ने सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल द्वारा निस्तारण किये गये प्रार्थना पत्र के विरुद्ध जांच और निरस्त्रीकरण और औषधि निरीक्षक अशोक कुमार के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्यवाही की मांग करते हुए।
3.6.2024 को आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ सेक्टर सी अलीगंज को एक प्रार्थना पत्र मय हलफनामा साक्ष्यों के साथ रजिस्टर डाक द्वारा भेजा गया है। जिसमें पीड़ितों ने सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का लगाया आरोप। पीड़ितों ने प्रार्थना पत्र में आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर को 3 दिनों और पीड़ितों को 2 दिनों में साक्ष्यों को उपलब्ध कराने का समय देना पीड़ितों के साथ सहायक आयुक्त औषधि द्वारा पक्षपात बताया रजिस्टर डाक द्वारा भेजे गए साक्ष्यों का बिना अवलोकन किये औषधि निरीक्षक अशोक कुमार को बचाने और रजिस्टर डाक द्वारा भेजे गए साक्ष्यों को छुपाने का भी गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज की शिकायत और रजिस्टर पोस्ट द्वारा आयुक्त को भेजा साक्ष्यों सहित मय हलफनामा प्रार्थना पत्र। जिसकी निस्तारण दिनांक मुख्यमंत्री पोर्टल पर 13.6.2024 दिखा रहा है। आनलाइन पोर्टल पर अब देखना यह है कि भ्रष्टाचारी अशोक कुमार पर विभाग मेहरबान होता है या फिर उस के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाती है।
पीड़ितों को विभाग के उच्चाधिकारियों से न्याय की उम्मीद है। यदि न्याय न मिला तो पूरे मामले की शिकायत मय साक्ष्यों हलफनामे सहित 13.6.2024 के बाद।मुख्यमंत्री जनता दरबार में पहुंच कर पीड़ितों द्वारा भ्रष्टाचारी अशोक कुमार की शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई जायेगी। सभापति और एम एल सी अरूण पाठक जी को है पूरे मामले की जानकारी और विभागीय मंत्री दयालू गुरु तक पहुंचा है मामला। परंतु गोरखपुर मेरी ससुराल है कुछ नहीं होगा। पीड़ितों से ऐसा बोलने वाला भ्रष्टाचारी औषधि निरीक्षक अशोक कुमार अभी तक कार्रवाई से बचा हुआ है। जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जनता दरबार के माध्यम से पहुंचेगा पूरा मामला।
पीड़ितों का कहना है कि औषधि निरीक्षक अशोक कुमार द्वारा लगातार दूसरे लोगों द्वारा जो उनके साथ दवा दुकानदारों से अवैध वसूली और लाइसेंस बनाने के नाम पर दलाली का काम करते हैं ऐसे प्राइवेट कर्मी द्वारा मामले में सुलह करने का दबाव बना रहे हैं और सुलह न करने कर दुकान न चलाने की धमकी और गलत तरीके से फंसवाने की धमकी भी दी जा रही है। जिससे पीड़ितों में भय भी व्यापत हो गया है।
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel

खबरें
शिक्षा
राज्य

Comment List