फर्जी तरीके से संचालित नर्सिंग होमो पर कार्यवाही करने से कतरा रहा है स्वास्थ्य विभाग 

 अवैध ढंग से संचालित नर्सिंग होम के संचालन पर स्वास्थ्य महकमा इतना मेहरबान क्यों 

फर्जी तरीके से संचालित नर्सिंग होमो पर कार्यवाही करने से कतरा रहा है स्वास्थ्य विभाग 

बलरामपुर- पचपेड़वा कस्बे का जुड़ीकुइयां चौराहा व आसपास क्षेत्र में नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टरों का चारागाह बना हुआ है बताते चलें की पचपेड़वा  कस्बे के जूड़ी कुइयां चौराहा व इसके आसपास डेढ़ दर्जन से अधिक नर्सिंग होम संचालित है आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि यहां के नर्सिंग होम में बतौर काम कर रहे लोग बिना किसी डिग्री व रजिस्ट्रेशन के अपने पूर्व संचालक से किसी बात पर नाराज होकर फर्जी नर्सिंग होम का संचालन शुरु कर देते हैं सी एच सी अधिक्षक विजय कुमार  बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे नर्सिंग होम पर छापा मार कर फर्जी नर्सिंग होम संचालको से कागजात दिखाने के लिए सी एच सी पर बुलाते हैं चेतावनी भी देते हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती है यह तो एक उदाहरण है ।
 
इस तरह अनेक लोग बिना किसी डिग्री के कुछ दिनों तक नर्सिंग होम पर काम करके नर्सिंग होम खोलकर बैठ जाते हैं और भोली-भाली जनता को जांच दवा व अन्य प्रकार से शोषण करते हैं यहां तक कि नर्सिंग होम में स्वयं का मेडिकल स्टोर भी लोगों ने अवैध रूप से संचालित कर रखा है जबकि यहां पूरी मानक गुणवत्ता होने के बाद भी नर्सिंग होम संचालक मात्र कुछ जीवन रक्षक दवाएं ही रख सकते हैं इसी प्रकार जूड़ी कुइयां चौराहे से नेशनल हाईवे एन एच 730 पर ही एक रीयांस लखनऊ पांली क्लीनिक भी फर्जी तरीके से संचालित है इसी प्रकार  इसी जूड़ीकुइयां एक नर्सिंग होम से नवजात शिशु बेचने के प्रकरण में एक नर्सिंग होम सील हो चुका है। 
 
यह घटना पूरे जनपद व सिद्धार्थ नगर में चर्चा का केंद्र बन चुका है इन नर्सिंग होमो पर 7 माह 8 माह 9 माह के गर्भस्थ शिशु को आपरेशन करने में तनिक भी देर नहीं लगाते है समय पर सामान्य प्रक्रिया के तहत जन्म लेने वाले बच्चों के मामले में भी नर्सिंग होम संचालक 10 से 20 हजार रुपए उतार लेते हैं इस संबंध में वार्ता के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वतंत्र प्रभात संवाददाता से बताया कि शीघ्र ही वृहद स्तर पर छापे मारी कर अवैध नर्सिंग होम संचालन की तैयारी स्वास्थ्य विभाग जुटा हुआ है।

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