स्वास्थ्य विभाग ने समझाया मास्क इस्तेमाल का तरीका, फेंकने से पहले यह काम जरूर करें

स्वास्थ्य विभाग ने समझाया मास्क इस्तेमाल का तरीका, फेंकने से पहले यह काम जरूर करें

कानपुर। चेहरे पर मास्क का प्रयोग कोई नया नहीं है। प्रदूषण से बचने के लिए लोग काफी समय से मास्क लगाते रहे हैं। कुछ लोग इसकी जगह रुमाल या अंगौछे का भी इस्तेमाल करते हैं। इस समय मास्क का मतलब केवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव ही है। जिसे देखो मास्क लगाए घूम रहा

कानपुर। चेहरे पर मास्क का प्रयोग कोई नया नहीं है। प्रदूषण से बचने के लिए लोग काफी समय से मास्क लगाते रहे हैं। कुछ लोग इसकी जगह रुमाल या अंगौछे का भी इस्तेमाल करते हैं। इस समय मास्क का मतलब केवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव ही है। जिसे देखो मास्क लगाए घूम रहा है। पर कम लोगों को ही मास्क के प्रयोग का सही तरीका पता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करने के लिए मास्क प्रयोग की सही जानकारी देना शुरू किया है।

परेशानी बनने लगे मास्क
कोरोना से बचने के लिए पिछले डेढ़ महीने के दौरान शहर में तेजी से बिकने वाले मास्क अब परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी पैदा हो गया है। इसे देखते हुए नगर निगम ने टेली मेडिसिन सेवा के मोबाइल नंबर 8429525801 के जरिए इसके निस्तारण के तरीके बताने शुरू कर दिए हैं। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह एक बार इस्तेमाल हुए मास्क को यूं ही कूड़े में न फेंके।

इस तरह से करें निस्तारण
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित सिंह गौर ने बताया कि सडक़ या कूड़े में फेंके गए मास्क किसी सफाई कर्मी के हाथ में आ सकते हैं। उठाने वाले को यह नहीं पता कि इसे किसने पहना था और जिसने पहना था वो कोरोना पॉजीटिव तो नहीं था। ऐसे में बेहतर उपाय यह है कि घर में ले जाकर उस बर्तन में डाल दें जिसमें फिनायल मिले पानी से पोछा लगाया जाता हो। कम से आधे घंटे छोडऩे के बाद उसे जला दें या फिर मिट्टी में गाड़ दें।

साधारण मास्क से बेहतर अंगौछा या रुमाल
डॉ. गौर ने बताया कि थ्री लेयर के एन 95 मास्क कम लोगों के पास हैं क्योंकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा है। कुछ लोग सस्ते मास्क कई दिनों तक पहन रहे हैं तो कई लोग फेंक रहे हैं। दोनों तरीका गलत है। इससे बेहतर यह है कि अंगोछा या रुमाल लेकर मुंह और नाक को ढंकें और शाम को डिटरजेंट पाउडर से धो डालें। अगले दिन फिर वही पहन सकते हैं। उनका कहना है कि शहर की आबादी अगर 45 लाख मान ली जाए तो यह भी तय है कि इसमें 38 से 40 लाख लोगों के पास किसी ने किसी जरिए से मास्क पहुंच चुका है। इसका निस्तारण जरूरी है नहीं तो संक्रमण के खतरे बढ़ेंगे।

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