गोदाम प्रभारी की मिली भगत से हो रही यूरिया खाद की कालाबाजारी

पी सी एफ जिला प्रबंधक व ए आर कोऑपरेटिव से नहीं संभाल रहा जिले की सहकारिता विभाग का प्रभार

गोदाम प्रभारी की मिली भगत से हो रही यूरिया खाद की कालाबाजारी

किसानो की फसल को आने वाली यूरिया खाद की धड़ल्ले से हो रही प्लाइवुड़ों को सप्लाई

लखीमपुर खीरी

 

एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश एवं भारत सरकार किसानों के आय दुगुनी करने व उनका खाद बीज उपलब्ध कराने के लिए बड़े-बड़े दावे और प्रयास करती है वही उन्हीं के मातहत पीसी एफ के गोदाम प्रभारी द्वारा अकूत संपत्ति हासिल करने की नीयत से सरकार के आदेशों और प्रयासों का खुलेआम गला घोटा जा रहा है और जो किसानों की फसल की वृद्धि के लिए आने वाली यूरिया खाद  किसानों को न देकर सीधे दलालों के माध्यम से प्लाइवुड़ों को बेची जा रही है ऐसा ही एक मामला सोमवार 23 अक्टूबर को खुलकर सामने आया 

जब सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार स्वतंत्र प्रभात टीम ने पीसीएफ गोदाम रास्ता सराय कस्बा खीरी टाउन पहुंच कर हकीकत जानने का प्रयास किया तो छुट्टी के दिन भी एक पिकअप गाड़ी नंबर अप 32 बी एन 4279 यूरिया खाद से भरी तिरपाल से बंधी हुई खड़ी थी जब उक्त गाड़ी के बारे में जानकारी चाहिए गई और उसका फोटो लेने के बाद मामले की हकीकत जानने का प्रयास ग्रामीणों से किया जाने लगा तो इसकी भनक लगते ही यूरिया खाद की कालाबाजारी में लगा सिंडिकेट ने आनन फानन  में गाड़ी को वहां से हटा ले गए

 ग्रामीणों के बताएं अनुसार यह खेल आज से नही।वर्षों से चल रहा है और इस खेल की जानकारी पीएससी प्रबंधक से लेकर ए आर कोऑपरेटिव तक है और सब सभी को इस कालाबाजारी से अर्जित किया हुआ धन पहुंचने के चलते आज तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है ग्रामीणों की जुवानी सत्य माने तो प्रतिदिन तीन से चार गाड़ी यूरिया खाद की सप्लाई प्लाइवुड़ों को की जाती है कभी रात 9:00 बजे तो कभी 8:00 बजे कभी 3:00 बजे सुबह गाड़ी लोड होकर निकलते हैं इस गोरख धंधे पर किसी भी सक्षम अधिकारी की नजर न जाना अहम सवाल बना हुआ है बताते चले मामला कस्बा खीरी टाउन के रास्ता सराय में स्थित पीसीएफकी गोदाम प्रभारी से जुड़ा हुआ है 

इस गोदाम पर तैनात गोदाम प्रभारी पवन पांडे जी द्वारा अपने द्वारा गठित सिंडिकेट के माध्यम से खुले आम  यूरिया खाद की कालाबाजारी की जा रही है उक्त कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर स्वतंत्र प्रभात की टीम ने जब मौके का जाकर के जायजा लिया और घटनास्थल का वीडियो बनाया तो उसमें एक पिकअप संख्या यूपी 32 बी एन4279 है जिस पर लगभग 50 बोरी यूरिया खाद लदी खड़ी थी और गोदाम के सामने मौजूद घरों के कई ग्रामीणों से जानकारी ली तो सच्चाई खुलकर सामने आई कि अक्सर यहां हर दिन दो से तीन गाड़ियां यूरिया खाद की लोड होकर के रात 9:00 बजे कभी 8:00 बजे कभी 7:00 बजे कभी 3:00 बजे सुबह निकलती है जब चाबी गोदाम प्रभारी के पास रहती है 

तो फिर रात में 8:00 बजे रात में 9:00 बजे आखिर कौन खोलता है गोदाम और किसके संरक्षण में गोदाम से खाद निकाल कर की जाती है कालाबाजारी अहम सवाल बना हुआ है जो जांच का विषय है जन चर्चा के अनुसार गोदाम प्रभारी द्वारा इस कार्य के लिए एक प्राइवेट व्यक्ति को रखा है उसी के हाथ में चाबी रहने की भी बात सामने आई है जिसके द्वारा रात के अंधेरे में गोदाम खोलकर खाद् निकाल कर कालाबाजारी की जाती है और इसके एवज में ₹30 प्रति बोरी गोदाम प्रभारी को बतौर सुविधा शुल्क उपलब्ध कराए जाने का मामला भी प्रकाश में आया है

 यदि इनके वितरण रजिस्टर में दर्ज किसानों के नाम और उनके निशानी अंगूठा और हस्ताक्षरों का कराया जाए मिलान तो एक बहुत बड़े फर्जीवाडे का खुलासा आएगा सामने और यूरिया खाद की वृहद स्तर पर की जा रही कालाबाजारी के मामले का भी होगा पर्दाफाश देखना अब यह है कि पीसीएफ प्रबंधक द्वारा उक्त मामले में जांच कराई जाती है अथवा मामले को रददी की टोकरी में डालकर दे दिया जाता है कालाबाजारी में लिपत पीसीएफ गोदाम प्रभारी कोअभयदान।

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