समाजसेवा का अनूठा उदाहरण, 'साथी हाथ बढ़ाना' ट्रस्ट ने 10 माह के बच्चे के इलाज के लिए जुटाया सहयोग

समाजसेवा का अनूठा उदाहरण, 'साथी हाथ बढ़ाना' ट्रस्ट ने 10 माह के बच्चे के इलाज के लिए जुटाया सहयोग

बस्ती। जिले में शहर में होली की तैयारियों के बीच, 'साथी हाथ बढ़ाना' ट्रस्ट ने एक नेक काम करके समाजसेवा का अनूठा उदाहरण पेश किया है। ट्रस्ट के सदस्यों ने 10 माह के एक बच्चे के इलाज के लिए सड़कों पर उतरकर लोगों से आर्थिक मदद करने की अपील की भारी संख्या में लोगों ने सहयोग भी किया। आपको बताते चलें कि पुरानी बस्ती के निवासी हिमांशु कसौधन के 10 माह के बेटे ओम कसौधन को 'थैलेसीमिया' नामक गंभीर बीमारी है। डॉक्टरों ने बच्चे के बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए 25 से 30 लाख रुपये का खर्च बताया है, जो एक साधारण परिवार के लिए जुटाना असंभव है।
 
नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि अंकुर वर्मा ने पीड़ित परिवार से मिलकर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और सोशल मीडिया पर लोगों से सहयोग करने के लिए अपील भी की। तत्काल इस पोस्ट को संज्ञान में लेते हुए  'साथी हाथ बढ़ाना' ट्रस्ट के संस्थापक राजकुमार पाण्डेय की टीम ने तुरंत असहाय परिवार के मदद की पहल की। ट्रस्ट के सदस्य इंद्रमणि पाण्डेय, डॉ. एलके पाण्डेय, भूपेंद्र यादव, शैलेंद्र पाठक, राजकुमार गौतम और स्वामी नाथ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उनकी व्यथा सुनी।
 
उन्होंने बच्चे के इलाज के लिए क्राउडफंडिंग के माध्यम से धन जुटाने का निर्णय लिया। गुरुवार की सुबह, ट्रस्ट के सदस्य सड़कों पर उतरे और लोगों से बच्चे के इलाज के लिए दान करने की अपील की। उन्होंने उसी दिन 11,225 रुपये इकट्ठा किए और सीधे पीड़ित परिवार के खाते में जमा कराए हालांकि कुछ लोगों ने ऑनलाइन और बारकोड के माध्यम से भी पीड़ित परिवार की मदद की। ट्रस्ट ने यह भी आश्वासन दिया कि वे बच्चे के इलाज के लिए धन जुटाने के प्रयास को तब तक जारी रखेंगे। 
 
जब तक की पीड़ित असहाय परिवार के पास इतना पैसा नहीं हो जाता कि वह एम्स जैसे संस्थानों में जाकर बीमारी से जूझ रहे 10 माह के बच्चे की जांच करवा सके और अस्पताल से एस्टीमेट बनवा सके, एस्टीमेट बनवाने के बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राहत कोष से भी पैसे रिलीज हो जाएंगे लेकिन इससे पहले जांच और एडमिट होने की प्रक्रिया में लगभग 1 लाख रुपए के खर्च आने हैं और असहाय परिवार के पास इतना भी पैसा नहीं है कि वह अपने बच्चों को एम्स में ले जाकर जांच करवा सके।
 
ट्रस्ट के संस्थापक राजकुमार पाण्डेय ने कहा, "हम इस बच्चे की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे आगे आएं और इस नेक काम में हमारा साथ दें।" आगे उन्होंने बताया कि आज पूरा देश रंगों की होली मना रहा है हम और हमारी संस्था के सदस्य सड़कों पर उतरकर असहाय परिवार की मदद में लगे हुए हैं अगर हम लोग उस अबोध बालक के लिए कुछ भी सहयोग करने में सफल होते हैं तो यह हमारे देश की सबसे अच्छी एवं सच्ची होली होगी।
 
इस पहल में एल के पाण्डेय, इंद्रमणि पाण्डेय, डॉ एस के चौधरी, डॉ सत्येंद्र दूबे, शैलेन्द्र पाठक, नंद किशोर गुप्ता, साचेन्द्र मिश्र, राजकुमार गौतम, गुड्डू सिंह, भूपेंद्र यादव, स्वामीनाथ यादव, सोमनाथ दूबे, बब्बू मिश्र, मो० अशरफ आदि लोग जन सहयोग से मासूम का इलाज करवाने के लिए लगातार अपील कर रहे हैं। 'साथी हाथ बढ़ाना' ट्रस्ट का यह प्रयास समाज में एकजुटता और करुणा की भावना को प्रदर्शित कर रहा है। यह दिखाता है कि अगर लोग मिलकर काम करें, तो किसी भी मुश्किल को दूर किया जा सकता है।

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