प्रजातंत्र में चुनाव एक प्रक्रिया है, हार जीत तो होती ही है।-जितेन्द्र तिवारी
इफको ऑफीसर्स एसोसिएशन ने किया जितेंद्र का भव्य स्वागत।
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स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज।दया शंकर त्रिपाठी
15 दिसंबर की शाम । इफको गेस्ट हाउस की तस्वीर याद गार बन गई जब आल इंडिया इफको ऑफीसर्स एसोसिएशन के चेयरपर्सन जितेन्द्र तिवारी का भव्य स्वागत हुआ।स्वागत इफको फूलपुर इकाई की नवनिर्वाचित ऑफिसर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने किया। वे लोग बड़े खुशनसीब थे जो इस समारोह का हिस्सा बने। समारोह की भव्यता और गरिमा उन मोजूद अधिकारियों और कर्मचारियों से बयां होती है जो विभन्न माध्यमों से जुटे थे।। यकीनन ऐसी खुबसूरत तस्वीर रोज रोज नहीं बनती। ऐसी खुबसूरत भीड़ के लिए जितेन्द्र तिवारी जैसे पुरकशिश जहीन शख्शियत की जरूरत होती है।,
इस अवसर पर जितेंद्र तिवारी ने कहा कि प्रजातंत्र में चुनाव एक प्रक्रिया है, एक जीतता है एक हारता है, लेकिन उसके बाद सब सबके हो जाते है। कोई पराया नहीं होता न जीतने वाला न हारने वाला। अच्छा बुरा तो लोग कहते ही रहते है, इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। गालिब का एक शेर है-----
गा़लिब बुरा न मान जो वाइज़ बुरा कहे ऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे।
श्री तिवारी ने अपने लंबे सेवा काल को इफको फूलपुर में बिताए तमाम यादों को याद भी किया और भायुक भी हुए।उन्होंने कहा मुझे यहां से लगभग 15वर्ष गए हो गया लेकिन आने पर यहां हमारे भाई सह कर्मी अपने प्रेम और लगाव को हर बार बढ़ाते ही जाते है जिससे मेरे लिए कभी बेचैनी में डाल देते है।मैं सोचने पर विवश हो जाता हू की इन लोगो के इसके बदले क्या कर दू की इनका यह प्यार का कर्ज उतर जाय।
इसके पूर्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष भाई अनुराग तिवारी महामंत्री, स्वयं प्रकाश कर्मचारी संघ के लोकप्रिय अध्यक्ष पंकज पांडेय महामंत्री ,विनय यादव अधिकारी संघ के सभी अन्य पदाधिकारी कार्यकारिणी के सभी सदस्य गणों तिवारी के यहां पहुंचने पर फूल मालाओं से लाद दिया।और उनका भव्य स्वागत किया।
यहां यह बताना जरूरी है की जितेंद्र तिवारी के पास जाने पर दिल को जो सुकून मिलता है, सबकी की मदद के लिए तत्पर रहने वाले व्यक्तित्व के पास बैठने से जो आनंद मिलता है , वह अनमोल है ।अपने हो या गैर , सबके मदद की भावना जिनमे उनसे गुफ्तगू का अंदाज, वक्त पर शेरो शायरी की अदायगी, दुनिया जहान की तमाम बाते, जो भी पास आए सबको तवज्जो देने की उनकी कला, दिल को छू लेने वाली होती है।
इतने व्यस्त कार्यक्रम के बीच भी वे अपने एक मित्र सुरेंद्र पांडे की माता जी के निधन की सूचना पर इफको से 10 किलो मीटर दूर गुलचपा गांव जाना नही भूले और सायंकाल 7 बजे उनके घर पहुंच कर शोक संवेदना प्रकट की।उसके बाद पुन इफको पहुंच कर एक अधिकारी के बेटे की शादी समारोह में भी शरीक हुए।
नव निर्वाचित इफको ऑफीसर्स एसोसिएशन ने यह आयोजन तिवारी के पहली बार आगमन पर आयोजित किया था।
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