माहवारी पर खुलकर बात करने की है जरूरत

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में बांटे सेनेटरी पैड

माहवारी पर खुलकर बात करने की है जरूरत

- अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस पर हुए आयोजन

बांदा। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत अंतर्राष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर जनपद के बड़ोखर, जसपुरा व तिंदवारी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म के बारे में जानकारी दी गई। क्विज व पोस्टर प्रतियोगिताएं हुईं। किशोरियों को निशुल्क सेनेटरी पैड भी बांटे गए। बड़ोखर स्थित आवासीय विद्यालय में आरकेएसके योजना के डीईआईसी मैनेजर वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि माहवारी की शुरुआत किशोरावस्था में होती है।

सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक माहवारी होती है। इस दौरान सैनिटरी नैपकिन तथा साफ कपड़े का उपयोग करना अतिआवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि भोजन में हरी सब्जियां, दूध, दही, फल और अंकुरित दालें व आयरन युक्त पदार्थों को शामिल करें। साथ ही नियमित व्यायाम करें। माहवारी के दौरान स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है। पुरुष एवं महिला दोनों में यौन अंगों को शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक सफाई की आवश्यकता होती है।

साथिया केंद्र के परामर्शदाता चंद्रेश गुप्ता ने बताया कि हर साल 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं के पीरियड साइकिल 28 दिन के होते हैं यही वजह है कि 28 तारीख को इस दिन को  मनाने के लिए चुना गया। इसका मकसद किशोरियों को माहवारी के दौरान साफ सफाई के महत्व को समझाना है। थोड़ी सी लापरवाही उन्हें हेपेटाइटिस बी, सर्वाइकल कैंसर, योनि संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की तरफ ले जाता है।

8लोगों को यह बताने की जरूरत है कि मासिक धर्म कोई अपराध नहीं बल्कि सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसे घर वा समाज में खुलकर बात करने की जरूरत है। जिससे महिलाओं और किशोरियों को गंभीर व जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके। इस मौके पर बड़ोखर विद्यालय के इंचार्ज विजय केसरवानी, तिंदवारी के सर्वजीत व जसपुरा के दीपक यादव ने भी अपने विचार रखे।

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