ऑनलाइन हाजिरी का फरमान उरुवा ब्लॉक के शिक्षकों ने किया बहिष्कार।
ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षको शिक्षामित्रों व अनुदेशकों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध।
On
मेजा प्रयागराज।उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आवाहन उरुवा ब्लाक की कार्यसमिति, संघर्ष समिति,तहसील प्रभारी एवं समस्त शिक्षकों, शिक्षामित्रों की एक आवश्यक बैठक एवं प्रदर्शन मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी उरुवा के कार्यालय में संपन्न हुई।
बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पत्र दिनांक 18 जून 2024 एवं 5 जुलाई 2024 के द्वारा शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य किए जाने के संबंध में चर्चा की गई। प्राथमिक शिक्षा संघ उरुवा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि संघ द्वारा शिक्षकों की लंबी समस्याओं के निराकरण हेतु शासन को अनेक बार पत्र प्रेषित किया गया,जिसमें परिषदीय शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने,राज्य कर्मचारियों की भांति 31 उपार्जित अवकाश,12 द्वितीय शनिवार अवकाश,अर्ध आकस्मिक अवकाश,प्रतिकार एवं अध्ययन अवकाश, निशुल्क चिकित्सा सुविधा अनुमन्य करने, शिक्षकों की पदोन्नति शीघ्र करने जैसी मांगे सम्मिलित है। परंतु 30 अक्टूबर व 9 नवंबर 2023 को शासन स्तर पर संपन्न हुई वार्ता के उपरांत भी अद्यतन शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया।
उन्होने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को सरकारी वाहन उपलब्ध कराया गया है। समस्त अधिकारी व कर्मचारियों का कार्य स्थल प्रदेश अथवा जनपद मुख्यालय है। जो कि उनके निवास स्थान से निकट है। अधिकारी व कर्मचारियों को एक कैलेंडर, वर्ष में 14 आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त, 31 उपार्जित अवकाश, 12 द्वितीय शनिवार अवकाश के साथ ही अर्द्ध आकस्मिक अवकाश की सुविधा दी गई है। सरकारी वाहन निकट कार्य स्थल, उपार्जित एवं द्वितीय शनिवार अवकाश का लाभ प्राप्त करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर दैनिक उपस्थिति हेतु उपरोक्त प्रावधान लागू नहीं किया गया है।
ब्लॉक अध्यक्ष ने कहा कि हमारे ब्लॉक के अब कोई भी शिक्षक अध्यापक डिजिटल हाजिरी एवं एमडीएम नही भेजेगा। वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री संदीप पांडेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग का शिक्षक सबसे दुर्गम स्थानों पर स्थित विद्यालयों में सेवा प्रदान कर रहा है। शिक्षक ऐसे स्थान पर कार्य कर रहे हैं,जहां आवागमन हेतु सड़क नहीं है। यदि कहीं सड़क उपलब्ध है तो कोई भी सार्वजनिक वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
शिक्षक अपने निजी वाहन या पैदल यात्रा करके इन दुर्गम मार्गों में नदी, जल भराव, पगडंडी से होते हुए अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। हमारे शिक्षक प्रतिदिन 50-60 किलोमीटर तक अपने निजी साधनों से यात्रा करके विद्यालय पहुंचते हैं। शिक्षक के प्रतिमास कभी न कभी विद्यालय में विलंब से पहुंचने की संभावना बनी रहती है। वर्तमान में भी शिक्षकों की समय से विद्यालय पहुंचने की प्रतिबद्धता के कारण जल्दबाजी में प्रत्येक माह कोई ना कोई शिक्षक दुर्घटना के शिकार हो जाता है।
उक्त अवसर पर दिवाकर दत्त मिश्रा, राघवेंद्र सिंह, अजीत मिश्रा, राजकुमार शुक्ला, राजेश कोलहा, अखिलेश द्विवेदी, डॉ.रामराज त्रिपाठी, सुनील कुमार सिंह, विजय कुमारी, राम इकबाल राम, नीलिमा, सविता जैसल, ज्योति बाजपेयी, सरफराज अहमद, यजुवेंद्र कुमार, स्नेहा साहू, राकेश कुमार, सुरेंद्र कुमार, अनुराधा पटेल, अर्चना पांडेय, रामलोचन शुक्ला, संजय त्रिपाठी, सरस्वती द्विवेदी, चित्रा शुक्ला, सविता यादव, पूनम दुबे, संदीप नारायण पांडेय, दिनेश कुमार, साकेत तिवारी, संपूर्णानंद, दीपक गुप्ता, जयंत कुशवाहा, बृजेश यादव, प्रदीप तिवारी, रेखा पांडेय, राकेश कुमार, वीरेंद्र कुमार व उमाशिव पांडेय आदि शिक्षक व शिक्षिका उपस्थित रहे।।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
श्रम मानक तय करे सरकार, श्रमिकों का शोषण नहीं किया जाना चाहिए।: सुप्रीम कोर्ट।
23 Dec 2024 17:40:42
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जल आयोग द्वारा दो एडहॉक कर्मचारियों को अचानक बर्ख़ास्त कर देने के ख़िलाफ़ याचिका...
अंतर्राष्ट्रीय
बशर अल-अस्साद- 'सीरिया नहीं छोड़ना चाहता था, लड़ना चाहता था, लेकिन रूसियों ने मुझे बाहर निकालने का फैसला किया
17 Dec 2024 16:30:59
International Desk सीरिया के अपदस्थ नेता बशर असद ने कहा कि एक सप्ताह पहले सरकार के पतन के बाद देश...
Comment List