पशुओं के आतंक से फसल हो रही है बर्बाद,आदेश के बाद भी नहीं बनी गौशाला 

झंझरा पांडे में बनी गौशाला बनी शो पीस। 76 ग्राम सभा के बीच बारह पंचायतो में है गौशाला।

पशुओं के आतंक से फसल हो रही है बर्बाद,आदेश के बाद भी नहीं बनी गौशाला 

बारा (प्रयागराज) । शंकरगढ़  विकासखंड में आवारा पशुओं के आतंक से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है जिससे ग्राम पंचायत के किसानों का बहुत बुरा हाल है इसके साथ ही झझरा। ग्राम पंचायत में बनी गौशाला अभी तक मात्र शो पीस बनी है। पशुओं के बढ़ते आतंक के कारण विकासखंड के कुछ अन्य ग्राम पंचायत में गौशाला बनाने की मांग उठी है। जूही ग्राम पंचायत के लोगों ने बताया कि उप जिलाधिकारी बारा एवं खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ को फरवरी 2023 को पत्र भेजकर जूही गांव में गौशाला निर्माण के लिए निर्देशित किया था। उसके बावजूद भी अभी तक जूही में गौशाला का निर्माण नही प्रारंभ हुआ।
 
स्थानीय निवासी इंजीनियर आर के सिंह ने बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों एवम कर्मचारियों की लापरवाही से अभी तक चिन्हित जगह को खतौनी में भी दर्ज भी नहीं किया गया। जूही ग्राम सभा के ग्राम प्रधान दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मई 2022 को लेखपाल को उप जिलाधिकारी द्वारा ने जूही में चिह्नित भूमि को गौशाला के नाम खतौनी में दर्ज करने का आदेश दिया गया था। उसके बाद मैंने तीन बार उप जिलाधिकारी से पत्राचार किया कि चिन्हित जमीनों को गौशाला, चारागाह आदि के रूप में दर्ज किया जाए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
 
अगस्त 2022 को खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ ने भी जूही में गौशाला बनने की संतुष्टि की और चिन्हित जमीन को खतौनी में दर्ज करने के लिए उप जिलाधिकारी बारा से अनुरोध किया था। उसके बाद 31 जनवरी 2023 को पशु चिकित्सा अधिकारी ने भी उप जिलाधिकारी बारा को पत्र लिखकर जल्द से जल्द जमीन को खतौनी में दर्ज करने का अनुरोध किया ताकि गौशाला का निर्माण शुरू हो सके लेकिन अभी तक अधिकारियों कर्मचारियों की उदासीनता के चलते जूही गांव पंचायत में चिन्हित जमीन को गौशाला के नाम खतौनी में भी दर्ज नहीं किया गया है तो गौशाला निर्माण तो दूर की बात है।
 
इसी तरह झझरा पांडे में बनी गौशाला मात्र शो पीस बनी है। वैसे देखा जाय तो झझरा पांडे में बनी गौशाला का निर्माण तो पहले ही हो चुका है । कुछ काम बाकी रह गया था जिसे समय रहते पूरा नहीं किया गया। लेकिन जिम्मेदारों से पूछने पर हर बार यही जवाब मिलता है कि गौशाला का कुछ काम बाकी था जिसे जल्द पूरा करके शुरू किया जाएगा। इस विषय पर ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि अभी कुछ काम बाकी था जल्द पूरा करके गौशाला को शुरू किया जाएगा। बता दें कि 76 ग्राम पंचायत में सिर्फ बारह ग्राम पंचायत में ही गौशालाओं का निर्माण किया गया है ।
 
भेलाव गांव निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि हम लोगों के गांव की तरफ बहुत भारी मात्रा में आवारा पशु फसलों को बर्बाद कर रहे हैं गांव में कई बीघा सरकारी भूमि मौजूद है जिस पर गौशाला बनाई जा सकती है। पशुओं के बढ़ते आतंक से जहां किसान परेशान हैं वहीं कई गांवों में पर्याप्त सरकारी जमीन होने के बावजूद भी गौशालाओं का निर्माण नही किया जा रहा है। बढ़ते पशुओं के आतंक और अस्थाई वंश आश्रय स्थल की सीमित संख्या होने की वजह से शंकरगढ़ विकासखंड के किसान परेशान व चिंतित हैं।

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