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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

दिशाहीन रूढिवादिता और अंधविश्वास की डगर।

दिशाहीन रूढिवादिता और अंधविश्वास की डगर। भारतीय समाज एक बहुभाषी, बहु सांस्कृतिक, बहुजातीय, बहु धार्मिक समाज है। एक नजर में इसकी प्रगाढ़ता और इसके विराट स्वरूप को समझना अत्यंत कठिन है। भारतीय समाज की गहरी और विशाल संरचना को, उसके विभिन्न आयामों को समझना हमारे लिए...
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