Sensex negative
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

न सुनाई देने वाला हाहाकार भी सुनिए

न सुनाई देने वाला हाहाकार भी सुनिए आहें,चीखें और सिसकियाँ आदमी के दुःख की अभिव्यक्ति के वे रूप हैं जिसे सभी वाकिफ हैं,लेकिन कभी -कभी ऐसा भी होता है जब ये आहें,चीखें ,सिसकियाँ हमें सुनाई नहीं देती ,हालाँकि यदि हम इन्हें सुन सकें  तो इनका स्वरूप हृदय...
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