जिला प्रशासन को ठेंगा दिखाकर नहर पाट डाली,बने मकान

दर्जनों गांव की जमीन की इसी नहर से होती थी सिंचाई

जिला प्रशासन को ठेंगा दिखाकर नहर पाट डाली,बने मकान

एक अदना से भूमाफिया के आगे पूरा सिस्टम है नतमस्तक

रामबाबू अवस्थी नवाबगंज सं.

नवाबगंज(उन्नाव)। भूमाफियाओं ने नहर को पाट कर बनाए मकान। जिला प्रशासन टकटकी लगाए देख रहा है, पर मूक है। नहर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपनी जमीन बचाने में अब तक असफल साबित हुए हैं। गत वर्षो इन्हीं नहर पाटने वाले भूमाफियाओं पर मुकदमे दर्ज हुए थे लेकिन सेटिंग गेटिंग के खेल के चलते एक बार फिर भूमाफियाओं ने जिला प्रशासन को अंगूठा दिखाते हुए दोबारा नहर विभाग की जमीन पर कब्जा कर लिया।

       नवाबगंज ब्लॉक के सोहरामऊ में सईं नदी से शुरू होकर एक नहर आई है जो ग्राम अर्जुनामऊ से बायपास होकर सोहरामऊ होते हुए लालपुर, बाबाखेडा, हसनापुर, दतौली होते हुए रानीपुर के पास तक जाती है जिससे दर्जनों गांव की हजारों बीघा फसल सींची जाती थी। जिसकी वजह से किसानों को अपने खेतों की सिंचाई में बहुत आसानी होती थी। परंतु सपा सरकार के समय क्षेत्रीय लोगों की माने तो एक भू माफिया ने जमीन लेकर नहर को पाट कर प्लाटिंग करके लोगों को बेच दिया। इसके बाद लोगों ने नहर विभाग की बेश कीमती जमीन पर मकान बनवा लिए। जिस पर पहले भी पत्रकारों द्वारा खबर कई बार प्रकाशित हो चुकी है जिस पर नहर की पैमाइश होते-होते कई बार भूमाफियाओं की अच्छी सेटिंग की वजह से अक्सर रुक जाती थी। वही लोगों में ये भी चर्चा रही की जिला पंचायत का चुनाव इसी भूमाफिया द्वारा नवाबगंज के नेता ब्लॉक प्रमुख नवाबगंज अरुण सिंह के सामने लड़ा गया जिसके फल स्वरूप ब्लॉक प्रमुख ने हजारों किसानों की पैरवी करते हुए भूमाफिया द्वारा जबरन कब्जा की गई नहर को शासन से नहर की जमीन खाली कराने का आदेश कराया जिसपर पर लगभग दो दर्जन पोकलैंड और जेसीबी लगवा कर जिला प्रशासन की मौजूदगी में नहर पर बने कई मकान धराशाई किए गए थे। भूमाफिया इतना प्रभावशाली था कि जिला प्रशासन को अंदेशा था की कहीं भूमाफिया द्वारा कोई अवरोध न किया जाए इसलिए हजारों पुलिसकर्मियों की ड्यूटी नहर खाली कराने में लगाई गई थी। बताया जाता है ये वही भूमाफिया है जो कुछ वर्षो पूर्व सोहरामऊ में बर्तन और चोरी का मिट्टी का तेल बेचकर अपनी रोजी रोटी चलाया करता था। बताया जाता है सरकारी मिट्टी के तेल चोरी में भी उक्त भूमाफिया जेल जा चुका है। कई बार जेल की हवा खा चुके व्यक्ति को नहर पाटकर भूमाफिया बनने में कुछ अरसा ही लगा। आज नहर की जमीन बेचकर भूमाफिया ने कई लक्जरी गाड़ी ले रखी हैं। इसके बाद लगभग 50 मीटर नहर खोदकर साफ भी की गई थी। परंतु बाद में न जाने कौन सी सेटिंग हुई कि खोदी गई नहर पुनः पाट दी गई और टूटे हुए मकान फिर से बना दिए गए किसानों से बात करने पर बताया जाता है कि किसान अपनी भूमि सींचने के लिए इधर-उधर बोरिंग का सहारा लेते हैं। सरकारी नहर होने के बावजूद किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए काफी मशक्कत उठानी पड़ती है। 

वर्तमान में नहर की स्थित गंदगी से भरी पड़ी है किलोमेटरों नहर को पाट दिया गया है। बाकी ज्यादार लोगों ने नहर पर कब्जा कर दुकानें खोल रखी हैं।

–पहले भी कई बार नहर विभाग की टीम द्वारा हो चुकी है पैमाईश

– भूमाफिया पैसे के दम पर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को भी देता है जान से मारने की धमकी

–जिम्मेदार जानकर भी बनते अनजान

–दर्जनों गांव के हजारों किसानों की भूमि होती है प्रभावित

–किसान वर्षों से नहर के चालू होने की लगाए बैठे हैं आस

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