तू डाल डाल मैं पात पात का चल रहा सरकारी गल्ला वितरण में खेल

गरीबो के अनाज पर कोटेदार डाल रहा डांका नही मिलता कई महीनों से अनाज

तू डाल डाल मैं पात पात का चल रहा सरकारी गल्ला वितरण में खेल

पहले अंगूठा लगवा लिया फिर नही दिया अनाज का लगा रहे स्थानीय कार्ड धारक आरोप

 

पचपेड़वा/बलरामपुर

जहां प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए लगातार प्रयासरत है। वही जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते संबंधित विभागीय अधिकारियों से लेकर वितरक तक भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं जिसके चलते सरकार के तमाम ऐसे योजनाओं पर भृष्टाचार का साया है तो

वही सरकार के सारे प्रयास और दावे फेल नजर आ रहे हैं ।वही दूसरी तरफ विभागीय मिलीभगत का खेल बदस्तूर जारी है ।

   बात करते हैं खाद्य पूर्ति विभाग की जहां पर देखा जा रहा है कि गरीबों के लिए आने वाला सरकारी अनाज पूरी तरह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा हुआ है।जिसके कारण पात्र उपभोगताओं को सरकारी राशन वितरक की दबंगई व मनमानी अक्सर झेलनी पड़ती है। अगर सूत्रों की माने तो संबंधित विभाग की अधिकारियों से लेकर कोटेदारों तक का बड़ा घोटाला अक्सर प्रकाश में आता रहा है जहां पर सरकारी गल्ला वितरण प्रणाली में सेंध लगा अधिकारी से लेकर कोटेदार तक मलाई काट रहे वही पात्र कार्ड धारक को घटतौली के साथ कई महीने गल्ला वितरण न कर गरीब कार्ड धारकों को वापस बैरंग भेजे जाने की बात सामने आ रही है। जबकि सरकार के द्वारा सरकारी गल्ला वितरण से भृष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर नई तकनीक से लैस पास मशीनों के माध्यम से वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने की कवायद की गई है और पुरानी मशीनों को विभाग द्वारा वापस लेकर अब नई मशीन कोटेदार को दिया गया है। जिससे आगे भृष्टाचार पर अंकुश लग सके।लेकिन यहां यह पुरानी कहावत , तू डाल डाल मैं पात पात की सटीक बैठती है ।IMG-20240720-WA0021

  जानकार यह भी बताते हैं कि इस मशीन से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की बात से इनकार नहीं । लेकिन यहां पर सरकार भ्रष्टाचार रोकने की तमाम जुगत कर बैठी है तो वही संबंधित विभाग के अधिकारी और कोटेदार बेईमानी पर उतारू है । और सरकारी गल्ला वितरण पर डाका डाल रहे हैं।

 मामला जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कोहरगड्डी का है जहां पर ग्राम प्रधान और तमाम पीड़ित राशन उपभोक्ताओं की शिकायत है की सरकारी गल्ला वितरण करने वाला कोटेदार अपनी दबंगई और मनमानी पर उतारू है जिसके चलते राशन कार्ड धारक को कई कई महीने गल्ला न मिलने की बात सामने आई है। जिसको लेकर ग्राम प्रधान के द्वारा कई बार खाद्य पूर्ति अधिकारी पचपेड़वा को फोन व मौखिक शिकायत भी की गई है फिर भी इस पर अब तक कोई कार्रवाई न होने की बात सामने आ रही है

। वही स्थानीय ग्रामीणों में सरकारी राशन न मिलने से काफी आक्रोश देखा जा रहा है। और इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान के नेतृत्व में जिला अधिकारी बलरामपुर को अपने शिकायत दे जांच व कार्यवाही की मांग की गई है। इसके संबंध में ग्राम प्रधान और कई ग्रामीणों ने सरकारी गल्ला वितरण पर बड़े सवाल उठाए हैं उन्होंने बताया कि कोटेदार के द्वारा एक महीने पहले अंगूठा लगाया जाता है और दूसरे महीने में भी सरकारी राशन मिलना मुश्किल रहता है । बताया जाता है कि अभी नेटवर्क नहीं है तो अभी मशीन की बैटरी डाउन है ऐसा तमाम बहाने बनाकर उन्हें वापस कर दिया जाता है। जिसको लेकर तमाम ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा की हमे समय से गल्ला नहीं मिलता है और अंगूठा लगवाने के बाद गल्ला दूसरे महीने में देने की बात कही जाती है और दूसरे महीने में जाने के बाद भी अक्सर गल्ला हमें नहीं मिलता है और बहाने बाजी कर हमें वापस कर दिया जाता है जिसको लेकर हमारे परिवार को भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। और इसी संबंध में हमने ग्राम प्रधान के नेतृत्व में जिलाधिकारी बलरामपुर को इस मामले को लेकर अवगत कराया है अब देखना यह होगा कि क्या पूर्ति विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर जिलाधिकारी बलरामपुर के द्वारा निष्पक्ष जांच करवा उक्त प्रकरण का भौतिक सत्यापन करवा वितरण व स्टॉक की जांच व कार्रवाई होता है या इस मामले को ठंडे बस्ते में डालकर मामला रफादफा कर दिया जाता है ।

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