झुंसी में मिली अतीक अहमद की करीब दो करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति!
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प्रयागराज।अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति का पता चला है। यह संपत्ति झुंसी इलाके से शेरडीह गांव में बताई जा रही है। इसकी कीमत तकरीबन दो करोड़ रुपये बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि आपराधिक कृत्यों से अर्जित धन से इस संपत्ति को बनाई है। यह प्रॉपर्टी अतीक अहमद के किसी करीबी के नाम से कागजातों में अंकित है। इसकी जानकारी शनिवार को थाना दिवस के दौरान सामने आई। पुलिस और राजस्व विभाग की टीम काफी समय से अतीक की बेनामी संपत्तियों की खोजबीन में लगी है।
झूसी के शेरडीह गांव में अतीक अहमद की दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन की खुलासा हुआ है। इसकी जानकारी शनिवार को थाना दिवस के दौरान हुई है। बताया जा रहा है कि माफिया ने अपने किसी करीबी के नाम से यह जमीन रजिस्ट्री कराई है। पुलिस और प्रशासन की टीम आज ही इसको कुर्क करने की तैयारी में है। माना जा रहा है दोपहर बाद पुलिस कुर्की की कार्रवाई शुरू कर देगी। पिछले महीने अतीक की पांच बेनामी संपत्तियों का पता चला था। कमिश्नरेट पुलिस ने उसकी तीन करोड़ मूल्य की दो बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने संबंधी कार्रवाई शुरू कर दी है।
संपत्तियों संबंधी रिपोर्ट गैंगस्टर कोर्ट में भेज दी गई है। यह दोनों संपत्तियां नैनी में स्थित हैं, जिसे माफिया ने अपने चार करीबियों के जरिये उनके सफाईकर्मी श्यामजी सरोज के नाम पर खरीदी थी। इनमें से एक संपत्ति नैनी के अरैल और दूसरी संपत्ति मवैया गांव में स्थित है। दोनों का वर्तमान बाजारू मूल्य लगभग तीन करोड़ रुपये आंका गया है। पुलिस ने अप्रैल में इन संपत्तियों के बारे में पता लगाया था। इसके अलावा फूलपुर और हंडिया में भी करीब पांच करोड रुपए मूल्य की दो संपत्तियों की जानकारी पुलिस को मिली थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक अशरफ ने नवाबगंज के करौली गांव के निवासी सफाईकर्मी के नाम पर आठ करोड मूल्य की बेनामी संपत्तियां बनाईं।
उसने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि अतरसुइया का रहने वाला जावेद, उसका भाई कामरान और फराज अतीक अहमद के बेहद करीबी थे। वह उनके घर सफाई का काम करता था। चारों ने अतीक अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर कराया। उसे बंधक बनाकर जबरन दस्तखत करवाए गए और दोनों की मौत के बाद उक्त संपत्तियों का बैनामा उनके नाम करने का दबाव भी बनाया। सूत्रों का कहना है की सफाईकर्मी के नाम पर फिलहाल, पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात पता चली था।
इनमें से तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार व मवैया और दो जमीनें हंडिया व फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं। इनकी मौजूदा बाजार के अनुसार कीमत आठ करोड़ आंकी गई है। एक खास बात यह भी है कि तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया, तब वह महज आठ हजार महीने कमाता था। मामले में उसने अपने मालिक व माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान व फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली व शुक्ला जी नाम के एक शख्स पर अप्रैल में अतरसुइया थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है।
श्यामजी ने पुलिस की पूछताछ में अन्य खुलासे भी किए थे। बताया कि आरोपियों ने उसके नाम पर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवा रखा था। साथ ही चेकबुक, एटीएम व पासबुक अपने कब्जे में रखे थे। ब्लैंक चेक पर दस्तखत करा लिए थे। साथ ही समय-समय पर उसके नाम एनआई एक्ट के तहत नोटिस भी भेजते रहते थे। उनका ऐसा करने का मकसद यह था कि अगर वह इधर-उधर भागने की कोशिश करे तो उसे कानूनी शिकंजे में फंसा सकें।
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