संजीव-नी।
On
वक्त कभी रुकता नहीं संजीव।
बेवफाई मैं किसी से करता नहीं
सच्चा प्यार भी कभी मरता नहीं।
जो अपना सुरूरे मिजाज रखता है
वो अपनी हद से कभी गुजरता नहीं।
जाम पीकर देखिये सियासत का कभी
ता जिंदगी ये नशा कभी उतरता नहीं।
पैरों पर झुकती है उसी के दुनिया
जो जोखिम उठाने से डरता नहीं।
बहाना पड़ता पसीना बेहद हर पल
बुरा वक्त यूं तो कभी संवरता नहीं ।
अजब-गजब मंजर देखे मैंने यहां
वक्त है कि ये कभी रुकता नहीं।
शीश मेरा ईश्वर के अलावा संजीव
किसी के सामने कभी झुकता नहीं।
संजीव ठाकुर
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
असम में फर्जी मुठभेड़ों के आरोप गंभीर, मानवाधिकार आयोग को सक्रिय रुख अपनाना चाहिए: । सुप्रीम कोर्ट।
25 Oct 2024 18:06:56
नई दिल्ली। असम में 'फर्जी' मुठभेड़ों के मुद्दे को उठाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार...
अंतर्राष्ट्रीय
श्रीलंका ने 17 गिरफ्तार भारतीय मछुआरों को वापस भेजा
21 Oct 2024 17:31:10
International Desk श्रीलंका ने अपने जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार 17 भारतीय मछुआरों को वापस भेज दिया...
Comment List