पंजीकरण और बिना मानक के अस्पताल... मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़

प्राइवेट अस्पतालों में वेड की संख्या से ज्यादा संचालित हो रहे बेड

पंजीकरण और बिना मानक के अस्पताल... मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़

सीएमओ ने मीडिया कर्मियों से वार्ता के दौरान रजिस्ट्रेशन और बिना रजिस्ट्रेशन के नाम पर झाड़ा पल्ला


अम्बेडकरनगर।


स्वास्थ्य विभाग की टीम जब भी जांच के लिए निकलती है, बिना पंजीकरण और मानक विहीन अस्पताल पकड़े जाते हैं और सील होते हैं। इसके बाद भी धंधेबाजों में खौफ नहीं है और गली-मोहल्लों में इनका धंधा जारी है। कहीं घर में क्लीनिक चल रही है तो कहीं दुकान में। बिना योग्य चिकित्सक के ये अस्पताल मरीजों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं।पिछले माह सीएमओ के निरीक्षण में इस तरह के कई मामले सामनेे आए हैं।

जनपद में अस्पतालों की जांच में कई अस्पताल जुगाड़ वाले मिले। इनमें एक दर्जन तो ऐसे अस्पताल थे जो बिना पंजीकरण और मानक पूरा किए संचालित किए जा रहे थे। कई अस्पताल ऐसे भी थे जहां पंजीकरण में उल्लेखित डॉक्टर मौजूद ही नहीं थे। इन अस्पतालों के खिलाफ अभी कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आ सकी है। विभाग सिर्फ नोटिस जारी करने तक ही सीमित है।सूत्रों के मुताबिक कई बड़े अस्पताल भी ऐसे हैं जहां सर्जरी होती है लेकिन बेहोशी के डॉक्टर की स्थायी व्यवस्था नहीं है।

अधिकतर छोटे-बड़े अस्पतालों में सर्जरी और बेहोशी के चिकित्सकों को प्रति केस रेट तय करके बुलाया जाता है। ऐसी सेवा देने वाले कुछ सरकारी चिकित्सक भी हैं।जिले के अधिकांश निजी अस्पतालों में छोटे-बड़े ऑपरेशन तक की व्यवस्था है।इन अस्पतालों के पंजीकरण में सर्जन का उल्लेख नहीं रहता है। अस्पताल संचालक ऐसे मरीजों को भर्ती करने के बाद सर्जरी के लिए चिकित्सक बाहर से बुला लेते हैं।

इसी आधार पर छोटे स्तर के निजी अस्पतालों में भी मरीजोें का ऑपरेशन कराया जा रहा है। मीडिया की नजर जनपद मुख्यालय पर संचालित हो रहे मेडलाइफ अस्पताल के नाम से संचालित हो रहे अस्पताल पर पड़ी मीडिया के द्वारा रजिस्ट्रेशन और पूछताछ किए जाने पर अस्पताल में तैनात कर्मी भड़क गए। जबकि मानक के अनुरूप अस्पताल संचालित नहीं हो रहा है, तत्पश्चात मीडिया कर्मियों ने सीएमओ राजकुमार से वार्ता कर स्थिति और परिस्थिति से अवगत कराया तो सीएमओ  द्वारा यह कहा गया की कल जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

वही इस अस्पताल पर कई चिकित्सकों के नाम प्रदर्शित बोर्ड पर दिखाई पड़ रहे हैं जो अलग-अलग रोगों का इलाज करते हैं और उनके दिन भी निर्धारित हैं। लेकिन यह किसी को नहीं पता है कि यह डॉक्टर वहां उपस्थित होते हैं या नहीं , कि उनके नाम से केवल हॉस्पिटल को मोटी कमाई के लिए संचालित किया जा रहा है। ताकि मरीज देखकर अस्पताल में इलाज करने के लिए आए। और इनकी मोटी कमाई होती रहे।

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