ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से भ्रष्टाचार चरम पर
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गुणवत्ता विहीन खड़ंजा निर्माण
अंबेडकर नगर जिले के ब्लॉक बसखारी के ग्राम सभा मुजाहिद्दीनपुर में खड़ंजा निर्माण में गुणवत्ता विहीन ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीणों के विरोध और शिकायत के बावजूद निर्माण कार्य जारी है। ग्राम सचिव ने इसे "मेरी जानकारी में है" कहकर ग्रामीणों की चिंताओं को अनदेखा कर दिया। प्रशासन की निष्क्रियता से यह मामला गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
मनरेगा में फर्जीवाड़ा
मनरेगा योजना के तहत हो रहे कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जी हाजिरी का खेल खेला जा रहा है। जहां वास्तविकता में 10-15 मजदूर काम करते हैं, वहीं रोजगार सेवक की मिलीभगत से 40-45 मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई जाती है और उनका भुगतान किया जाता है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत यह एक गंभीर अपराध है।
स्वास्थ्य केंद्र का असुरक्षित निर्माण
एएनएम और RRC सेंटर तालाब के किनारे बनाए गए हैं, जिससे भविष्य में नवजात शिशुओं और माताओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। बारिश के दौरान तालाब का कूड़ा और गंदगी इन केंद्रों तक पहुंचने की संभावना है। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद यह निर्माण जारी रखा गया, जो अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी को दर्शाता है।
भ्रष्टाचार की जड़ें
ग्राम प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से विकास योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का बजट बंदरबांट में खत्म हो रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 166 (लोक सेवक द्वारा कर्तव्य पालन में विफलता) के उल्लंघन के गंभीर प्रमाण सामने आ रहे हैं।
जनता का बढ़ता आक्रोश
ग्रामीणों की लगातार शिकायतों और विरोधों के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जनता का कहना है कि उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह मामला प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार का उदाहरण बन चुका है।
भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई की मांग
1. धारा 166: लोक सेवकों की कर्तव्य पालन में विफलता पर कार्रवाई की जाए।
2. धारा 420 और 409मनरेगा में फर्जी हाजिरी और भुगतान के लिए जिम्मेदार रोजगार सेवक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज हो।
3. धारा 269 और 270तालाब के किनारे स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालने के लिए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
4. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988ग्राम प्रधान अक्षैवर मौर्य, ग्राम सचिव राजीव वर्मा, रोजगार सेवक घनश्याम राजभर और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज हो।
ग्रामीणों द्वारा कार्यवाही मांग
1. निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक स्वतंत्र तकनीकी टीम नियुक्त की जाए।
2. मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों का सोशल ऑडिट करवाया जाए।
3. स्वास्थ्य केंद्रों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
4. भ्रष्टाचार में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर जांच शुरू की जाए।
5. ग्रामीणों की शिकायतों को प्राथमिकता दी जाए और भ्रष्टाचार रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
ग्राम सभा मुजाहिद्दीनपुर में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई करते हुए दोषियों को सख्त सजा देना समय की मांग है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला प्रशासनिक असफलता और जनता के लिए एक बड़ी त्रासदी बन सकता है। जनता को न्याय और विकास योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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