shabdon ki mahima
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

कड़वे और मीठे बोलों का खेल

कड़वे और मीठे बोलों का खेल शब्दों की महिमा को अपरंपार और अक्षर को नश्वर बताया गया है ।वैसे तो लेखनी की तीव्रता तलवार से ज्यादा नुकीली और भाले से ज्यादा चुभने वाली होती है। तलवार की धार से मनुष्य एक बार बच भी सकता है...
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