तालिबान को पहली बार पाकिस्तान से लग रहा खतरा

स्वतंत्र प्रभात।
तालिबन और पाकिस्तान के रिश्ते अब काफी तनाव से गुजर रहे हैं। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद पहली बार तालिबान को पाक से खतरा महसूस हो रहा है। दूसरी तरफ तालिबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को भी गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ा है। अफगानिस्तान से लगी पाकिस्तानी सीमा पर तालिबान समर्थित आतंकवादी ग्रुप TTP ने कई बार हमले किए हैं।
पाकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया है कि उसके सैनिकों का खून बहाने वाले TTP आतंकियों को अफगानिस्तान में शरण मिल रही है। पाकिस्तान ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि वह अफगानिस्तान में घुसकर TTP पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तान के इस बयान पर तालिबानी आतंकी भड़क गए हैं और उन्होंने TTP को लेकर लगे आरोपों को आधारहीन करार दिया है।अफगानिस्तान के स्वतंत्र पत्रकार बिलाल सरवारी ने एक इंटरनल मेमो का हवाला देते हुए कहा कि पहली बार तालिबान ने पाकिस्तान से खतरा बताया है। तालिबान ने ये भी बताया है कि साल 2000 से 2021 तक वो सुरक्षित थे।
पत्रकार बिलाल सरवारी ने ट्वीट करते हुए अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय का एक लेटर जारी किया है। सरवारी ने कहा, "तालिबान के लीक हुए एक आंतरिक मेमो में पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र के अंदर एक ISKP (आतंकी गुट) प्रशिक्षण शिविर की रिपोर्ट दी गई है। ISKP के पाकिस्तान से अफगानिस्तान के लोगर में बड़े पैमाने पर होने की चेतावनी दी गई है। दिलचस्प बात यह कि पहली बार तालिबान ने पाकिस्तान से खतरों की रिपोर्ट दी है, यह क्षेत्र 2002-2021 तक तालिबान का सुरक्षित ठिकाना था।
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