शिक्षक दिवस पर एससी/ एसटी शिक्षको द्वारा बहिष्कार का ऐलान, प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति को ज्ञापन
स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी।
दिल्ली के अनुसूचित जाति/ जनजाति के हजारों शिक्षको ने संयुक्त अनुसूचित जाति/ जनजाति शिक्षक मंच के आह्वान पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। इस बावत शिक्षक मंच के संरक्षक कप्तान सिंह रंगा और संस्थापक एवं सुप्रीमो एनपीपीएस रामकिशन पूनिया ने मीडिया को दिए प्रेस नोट में बताया कि दिल्ली के अनुसूचित जाति/ जनजाति शिक्षको की प्राइमरी से लेकर विश्वविधालय स्तर तक की 41 साल से संघर्षरत एक मात्र यूनियन" संयुक्त अनुसूचित जाति / जनजाति शिक्षक मंच" दिल्ली की ओर से ऐलान किया गया है कि दिल्ली के अनुसूचित जाति / जनजाति शिक्षक 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का बहिष्कार करेगे।
यूनियन सुप्रीमो रामकिशन पूनिया ने आरोप लगाया कि महामहिम राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली सरकार के चीफ सेकेट्री को प्रेषित निगम शिक्षा विभाग में आरक्षण घोटाले के 254 से ज्यादा ज्ञापन/रिमाइंडर भेजे जा चुके है,आखिर विभाग ने वह सब कहां गायब कर दिए। पूनिया के अनुसार इस यूनियन की अपील पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में अपनी संवैधानिक शक्तियों.का प्रयोग करते हुए पत्र दिनांक:27.9.2012 ,01.8.2016, 03.8.2017 को तब के तीनो दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर और दिल्ली के चीफ सेकेट्री को आयोग में तलब करके दिल्ली नगर निगम शिक्षा विभाग में आरक्षण से संबंधित प्रावधानो के संदर्भ में जो लिखित दिशा निर्देश दिए गए थे
उन्हें आज तक भी लागू नहीं किया गया। पूनिया ने बताया कि इस संदर्भ में शिक्षक मंच की ओर से महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भी दिनांक 20.11.2022 से 23.08.2024 तक करीब 254 से ज्यादा ज्ञापन/ रिमांइंडर लेटर दिए जा चुके है। पूनिया के मुताबिक सभी रिमांडर लैटर को दिल्ली के चीफ सेकेट्री को जिस निर्देश के साथ प्रेषित किये गये, उसे आज तक भी निगम कमिश्नर और दिल्ली के चीफ सेकेट्री ने नही माना है। पूनिया के मुताबिक दरअसल दिल्ली नगर निगम शिक्षा विभाग में भारी आरक्षण घोटाला है।
शिक्षक मंच के संरक्षक कप्तान सिंह रंगा एवं एनपीपीएस संस्थापक राम किशन पूनिया ने ऐलान किया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर विरोध स्वरूप दिल्ली निगम कमिश्नर के सरकारी आवास पर धरना दिया जाएगा।इसके अलावा दिल्ली पुलिस कमिश्नर, महापौर, उप राज्यपाल वीके सक्सेना, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, पार्लियामेंट कमिटी (एससी/- एसटी,),राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग,केंद्रीय सतर्कता आयोग,प्रधानमंत्री,और महामहिम राष्ट्रपति को भी ज्ञापन दिया जाएगा।
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