हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मकर संक्रांति पर्व
रमेश कुमार यादव की रिपोर्ट
उतरौला/बलरामपुर
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर उतरौला बाजार सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में उत्सव का माहौल छाया रहा। सुबह से ही लोगों ने पवित्र स्नान, ध्यान और ब्राह्मणों को दान-पुण्य करके इस पर्व को मनाया। हर घर में खिचड़ी भोज का आयोजन हुआ, जहां परिवार और समाज के लोग एकत्र होकर इस पारंपरिक पर्व का आनंद लेते नजर आए।
दुख हरण नाथ मंदिर के महंत मयंक गिरी ने इस अवसर पर खिचड़ी पर्व और मकर संक्रांति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "मकर संक्रांति प्रकृति, कृषि और अध्यात्म का संगम है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे शुभ माना जाता है। खिचड़ी भोज का आयोजन और दान-पुण्य से जीवन में संतुलन, शुद्धि और परोपकार की भावना जागृत होती है।"
महंत मयंक गिरी ने आगे बताया कि खिचड़ी पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और एकता का प्रतीक भी है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस दिन जरूरतमंदों की मदद करें और समाज में प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाएं।
उतरौला और इसके आसपास के गांवों में मकर संक्रांति के मौके पर लोगों ने परंपरागत उत्साह के साथ पर्व मनाया। महिलाएं और बच्चे सुबह से ही स्नान और पूजा के बाद खिचड़ी पकाने में व्यस्त दिखे। ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक खिचड़ी भोज का आयोजन भी किया गया, जहां सभी ने मिलकर त्योहार का आनंद लिया।
मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है। इस अवसर पर लोगों ने अन्न, तिल, गुड़ और वस्त्रों का दान किया। कई मंदिरों और सामाजिक संगठनों ने सामूहिक भंडारे का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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