दीपावली की दस्तक आते ही बाजारों में दिखने लगी रंग बिरंगी मिलावटी मिठाइयां

सबसे ज्यादा दीपावली पर होती है मिठाई की बिक्री जिसके चलते मार्केट में रेडीमेड मिलावटी मिठाई की भरमार 

 दीपावली की दस्तक आते ही बाजारों में दिखने लगी रंग बिरंगी मिलावटी मिठाइयां

जनपद के अंतिम छोर पर बसे शुकुल बाजार, महोना और सत्थिन पर कम ही पड़ती है फूड विभाग की नजर 

शुकुल बाजार अमेठी। दीपावली की दस्तक आते ही बाजारों में रंग बिरंगी नकली मिलावटी मिठाइयां सजने लगी हैं, जानकारों की माने तो रेडीमेड मिठाइयों में व्यापक पैमाने पर मिलावट की जाती है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसान देय साबित होता है। सूत्रों की माने तो रेडीमेड मिठाई 90 से ₹100 किलो, छेना 90 से 100 रुपए किलो, कालाजाम 90 से 100 रुपए किलो, बर्फी 90 से 100 रुपए किलो, खोया और पनीर भी 90 से 100 रुपए किलो थोक रेट में आता है जो कि बड़े आराम से मार्केट में 200 और ढाई सौ रुपए किलो बिकता है।  रेडीमेड मिठाइयों में शुद्ध खोया नहीं मिलाया जाता मिलावट की जाती है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए भारी नुकसान देय साबित होता है।
 
शुकुल बाजार कस्बे में,  सत्थिन चौराहे पर, जैनबगंज और महोना कस्बे में यूं तो चंद होटल है, लेकिन दीपावली पर जगह-जगह पर रेडीमेड मिठाई के सैकड़ो स्टॉल लगाए जाते हैं जो की थोक विक्रेताओं से मिठाई खरीद कर बेचीं जाती हैं। और सबसे ज्यादा इसी मिठाई को लोग स्वास्थ्य के प्रति घातक बताते हैं कुछ ऐसे भी मिष्ठान वाले हैं जो हमेशा रेडीमेड मिठाई बेचते हैं तो चंद ऐसे दुकानदार भी हैं जो स्वयं तैयार शुद्ध मिठाई भी बेंचते हैं, ऐसा नहीं है कि फूड विभाग कभी शुकुल बाजार नहीं आता फूड विभाग के अधिकारी कर्मचारी शुकुल बाजार आते हैं। 
 
लेकिन जनपद के अंतिम छोर पर बसे होने के चलते फूड विभाग की नजर शुकुल बाजार कस्बे पर कम पड़ती है और ऐसे में शुकुल बाजार, सत्थिन ,महोना, और जैनबगंज  में रेडीमेड मिठाई की भरमार रहती है, दीपावली के पावन पर्व पर क्षेत्रीय लोगों ने फूड विभाग से अपील की है कि सभी दुकानों पर खोया, पनीर, और मिठाई की सैंपलिंग की जांच की जाए जिससे यह पता चल सके कि कौन सी मिठाई स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है और कौन सी मिठाई मिलावटी घटिया और स्वास्थ्य के लिए नुकसान देय है। जो भी नुकसान देय मिलावटी मिठाइयां बेचते हैं ऐसे विक्रेताओं के ऊपर विधिक कार्रवाई की जाए।
 

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