मरीजो के साथ दुर्व्यवहार व गुंडई पर उतारू चिकित्सक
डलमऊ रायबरेली- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ में चिकित्सक की मनमानी इस कदर बढ़ गई हैं कि चिकित्साधीक्षक के ढुल मुल रवैया से आए दिन मरीजों और उनके साथ आए तीमारदार को परेशानी झेलनी पड़ रही है।चिकित्सक की तानाशाही के चलते अस्पताल आने वाले मरीजों का इलाज नहीं हो पता है।बिना इलाज के ही उन्हें बैैरंग लौटना पड़ता है।आए दिन मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं उनके साथ गाली गलौज की घटनाओं को लेकर चिकित्साधीक्षक नवीन कुमार सिंह भी चुप्पी साधे हुए हैं।अगर चिकित्साधीक्षक से किसी भी प्रकार की जानकारी लेना चाहो तो सीएचसी अधीक्षक का फ़ोन नही लगेगा अधीक्षक साहब पता नही क्या करते है फ़ोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर ही बताता है और सम्पर्क नही हो पाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आए दिन मरीजों को चिकित्सक की यातना का सामना करना पड़ता है।वही शनिवार को एक बार फिर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मनीष सिंह के दुर्व्यवहार का दंस मरीजों को झेलना पडा। तहसील क्षेत्र के ग्राम अमरहा से इलाज कराने आए अमन ने बताया कि वह दवा के लिए आए थे डॉक्टर मनीष सिंह ने डांट कर भगा दिया।जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो आक्रोशित हो गए मोबाइल भी छीन लिया।पूरे लाल जी से इलाज कराने आए शेर बहादुर ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें बिना इलाज किये ही भगा दिया।
कल्याणपुर बेती निवासी चंद्र किशोर, डलमऊ निवासी रामकुमार को भी चिकित्सक के आक्रोश का सामना करना पड़ा।यह कोई नया मामला नहीं है आए दिन डलमऊ अस्पताल में मरीजों के साथ चिकित्सक द्वारा इलाज के दौरान डांट फटकार लगाई जाती है।डॉक्टर साहब का कहना की वह किसी के नौकर नहीं है। मनमर्जी से इलाज होता है।गंभीर रोगियों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता है कारण पूछने पर चिकित्सकों द्वारा सीधे बिना इलाज किये जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है यही नहीं तीमारदारों ने बताया कि रात के समय चिकित्सक अपने कमरों मे खर्राटे भरते हैं और फार्मासिस्ट के द्वारा ही इलाज के नाम पर खाना पूर्ति करके मरीज को भेज दिया जाता है।मामले में कई बार चिकित्सा अधीक्षक नवीन कुमार से शिकायत भी हुई लेकिन कोई कार्यवाही न होने के चलते मरीज आए दिन परेशान हो रहे हैं।
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