चंपारण : धर्मांतरण के विरोध में सनातन रैली का आयोजन
सत्याग्रह की धरती चम्पारण से सनातन बचाओ का हुआ आगाज
तिरंगा व भगवा झंडा के साथ लगे जयघोष के नारे
गिरींद्र कुमार पांडेय
बगहा (पश्चिमी चंपारण)। यह चुनाव या किसी दल का रैली नहीं है ना तो अभी कोई चुनाव होने जैसा माहौल भी नहीं है। फिर भी बगहा के वार्ड नंबर 1 से आज सनातन बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में सनातन बचाओ विरोध रैली का आयोजन किया गया जिसमें साधु महात्माओ के साथ नगर के पुरुष व महिलाओं सहित युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।यह रैली वार्ड नंबर 1 स्थित शायरी माता स्थान से चलकर अनुमंडल परिसर में स्थित दुर्गा मंदिर तक तिरंगा मार्च व भगवा झंडा के साथ लोगों ने जय श्री राम और जय सनातन का जय घोष करते हुए शांतिपूर्ण रैली का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के संयोजक निप्पू पाठक ने बताया कि नगर क्षेत्र सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में सनातन विरोधी ईसाई संगठनों द्वारा लोगों को बहला फुसला कर जादू टोना व धन का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है इस मानसिकता के लोगों को एक संदेश देने के लिए यह रैली आयोजित की गई है क्योंकि सनातन वसुधैव कुटुंबकम की भावना का नाम है हम जोड़ते है नाकि तोड़ते है। पूरा विश्व आज शांति के लिए भारत की और देख रहा है सनातन मिटेगा तो लोग आपस मे लड़कर मिट जायेंगे। यह चम्पारण की धरती सत्यग्रह की धरती है हम सब सनातनी मिलकर देश और समाज को तोड़ने की साजिश को पूरा नहीं होने देंगे। इसी संकल्प के साथ आज यह सनातन बचाओ संघर्ष रैली का आगाज हुआ है और हमारा शांतिपूर्ण निवेदन है की जो लोग भी गलत नीयत से हमारे धर्म को हमारे समाज के लोगों को तोड़ने की कोशिश करेंगे हम उनका मुंहतोड़ जवाब देंगे और हमने प्रशासन से गुहार लगाया है कि आप इस प्रकार की मानसिकता के लोगों पर कानूनी रूप से अंकुश लगाने का प्रयास करें और हमारे धर्म की हमारे समाज की रक्षा में आप अपनी अहम योगदान दे कर धर्म विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने मे हमारी मदद करें। सनातन बचेगा तो देश बचेगा। सनातन बचाओ संघर्ष समिति किसी राजनीतिक संगठन का ना तो समर्थन करती है और नहीं विरोध करती है हम सिर्फ और सिर्फ देश को तोड़ने वाले समाज को तोड़ने वाले हमारे संस्कार और सभ्यता पर कुठाराघात करने वाले लोगों का पुरजोर विरोध करने के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे। इसके लिए हम पूरे देश को चम्पारण की धरती से यह संदेश देना चाहते हैं कि अब वैसे लोगों की खैर नहीं है जो धार्मिक भावनाओं को खंडित करने का प्रयास कर रहे हैं।
भागवत दास फलाहारी बाबा ने भी चम्पारण की धरती का हवाला देते हुए कहा की अब इनकी नहीं चलेगी जांहा भी ईसाई धर्म के लोग दिखे इनको गांव से भगाइये और प्रशासन की मदद लीजिये। फिर भी नहीं मानते है तो इनको हम मनवाएंगे। सनातन धर्म के संस्कृति के अनुरूप महिलाओ व समाज के बड़े बुजुर्ग लोगो को सम्मानित किया गया। पुरे बजे गाजे के साथ यह एक आगाज है हिन्दू धर्म के अंदर होने वाले मतभेद को दूर करने का जिसमे समाज के सभी वर्ग धर्म के लोगो ने तन मन धन से सहयोग देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया है।
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