Natural disasters become a burden on the economic system
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

आर्थिक तंत्र पर बोझ बनती प्राकृतिक विपदाएं।

आर्थिक तंत्र पर बोझ बनती प्राकृतिक विपदाएं। आपदा सदैव अनअपेक्षित घटना होती है। जो मानवीय नियंत्रण से सदैव से बाहर होती है। प्राकृतिक आपदा अल्प समय में बिना किसी पूर्व सूचना के घटित होती है, जिससे मानव जीवन के सारे क्रियाकलाप अवरुद्ध हो कर,जान और माल की...
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