सीबीसीआईडी जाँच के नाम पर लाखों रुपये हड़पे,उल्टा पीड़ित पर दर्ज कराया मुकदमा
क्राईम का तरीका बदल रहा है आज कल क्राईम करने वालें वायलेंस अपराध करने से बच रहे है

मधुलिका यादव उ0 प्र0 पुलिस में राजधानी लखनऊ में कार्यरत है अगर पुलिस के किसी अधिकारी पर ऐसे आरोप लग रहा है उच्च अधिकारियों को मामले की गहनता से जाँच कर के कार्यवाही करनी चाहिए।
स्वतंत्र प्रभात-राजधानी
क्राईम का तरीका बदल रहा है आज कल क्राईम करने वालें वायलेंस अपराध करने से बच रहे है। उत्तर प्रदेश पुलिस इस पर सजग भी है कि किसी भी प्रकार का अपराध न होने पाये, लेकिन अगर उनके डिपार्टमेंट के अधिकारी ही ऐसी कोशिस करें तो आम इंसान किससे उम्मीद करें।
यूपी पुलिस की एक महिला अधिकारी मधुलिका सिंह यादव नें एक मिलर से 20 लाख 50000 रुपये साथ में उसकी दो ट्रक वाहन संख्या यू.पी. 42 सी 2087 तथा यू.पी. 42 बी 8687 सीबीसीआईडी जाँच करानें के नाम पर ले लिए। सीबीसीआईडी जाँच की आस में पीड़ित निर्दोष होते हुए भी 5 साल ज्यादा समय जेल में रहा।
जब पीड़ित कोर्ट से बरी होकर बाहर आया तो पीड़ित ने अपना पैसा वापस माँगा जो झूठ बोलकर उससे लिया गया था तो उल्टा पुलिस अधिकारी मधुलिका यादव ने मिलर पर मुकदमा पंजीकृत करवा दिया और दोबारा जेल भिजवानें का पूरा इंतजाम कर दिया पीड़ित मिलर धनीराम यादव न्याय की आस में मुख्यमंत्री से लेकर हर बड़े अधिकारी से गुहार लगाई है।
वैसे पुलिस को एक जिम्मेदार नागरिक माना जाता है अगर इस तरह धन उगाही के लिए किसी व्यापारी को पुलिस खुद फंसाने लगेगी तो आखिर आम इंसान न्याय की उम्मीद किससे लगाये।पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उसके साथ शोषण में मधुलिका यादव के अलाव उनका भाई मनीष यादव और इनकी माँ शकुंतला यादव भी सम्मिलित थी।
इनका भाई मनीष यादव सचिवालय का कोई पास लेकर भी चलता है तथा शाशन प्रशासन के उच्च अधिकारयों का हवाला देकर ये लोगों अपने जाल फंसाता रहता है।जब इस संबंध में हमारे संवाददाता नें मधुलिका से बात करना चाही तो बात नहीं हो सकी।
मधुलिका यादव उ0 प्र0 पुलिस में राजधानी लखनऊ में कार्यरत है अगर पुलिस के किसी अधिकारी पर ऐसे आरोप लग रहा है उच्च अधिकारियों को मामले की गहनता से जाँच कर के कार्यवाही करनी चाहिए।
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