खेलों का महाकुंभ ओलंपिक - पेरिस 2024

  खेलों का महाकुंभ ओलंपिक - पेरिस 2024

26 जुलाई को फ्रांस की सीन नदी के किनारे हुए एक भव्य कार्यक्रम के साथ ही पेरिस ओलंपिक 2024 के आरंभ का शंखनाद हो गया। खेलों का यह महाकुंभ 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित किया जा रहा है। 100 साल के लंबे अंतराल के बाद पेरिस एक बार फिर ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर रहा है। पेरिस ओलंपिक 2024 इन खेलों का 33वां संस्करण है। फ्रांस ने इससे पहले 1920 और 1924 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी की थी। अब वह इंग्लैंड के बाद सर्वाधिक तीन बार ओलंपिक की मेजबानी करने वाला दूसरा देश बन गया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैन्युअल मैकरोन ने खेलों की शुरूआत की घोषणा की जिससे अगले 16 दिन तक चलने वाले इस महाकुंभ की औपचारिक शुरूआत हो गई। उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण सीन नदी पर खिलाड़ियों का मार्च था।
 
ओलंपिक के 128 सालों के इत‍िहास में यह पहली बार हुआ कि खेलों में हिस्सा लेने वाले देशों की पारंपरिक परेड किसी स्टेडियम के बाहर हुई हो। 206 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के और आईओसी शरणार्थी ओलंपिक टीम के 10,500 से अधिक एथलीट इन खेलों में भाग लेंगे। भारत के 117 खिलाड़ी 2024 पेरिस ओलंपिक में 16 खेलों के 69 पदक स्पर्धा में भाग लेंगे। आधुनिक युग के पहले ओलंपिक खेल अप्रैल 1896 में प्राचीन ओलंपिक के जन्मस्थान एथेंस (ग्रीस) में आयोजित हुए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन में 14 देशों के 241 एथलीटों ने भाग लिया था। पेरिस ओलंपिक 1900 में पहली बार महिलाओं खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। पेरिस 1900 ओलंपिक में 997 एथलीटों में से 22 महिलाएं थी। इस के बाद के ओलंपिक में महिलाओं की भागीदारी लगातार बड़ी है जो कि 2020 टोक्यो खेलों में लगभग  48.9 प्रतिशत हो गई थी। जिसका श्रेय  आईओसी और अंतर्राष्ट्रीय महासंघों की पहल को जाता है।
 
भारत ने 1900 में पेरिस ओलंपिक से सिर्फ एक प्रतिभागी के साथ अपना ओलंपिक सफर आंरभ किया। 1920 एंटवर्प ओलंपिक खेलों में भारत ने अपना पहला आधिकारिक दल भेजा। पेरिस 1924 ओलंपिक में भारत ने टेनिस में शुरुआत की, जिसमें एकल और युगल स्पर्धाओं में पांच खिलाड़ियों ने भाग लिया। एम्स्टर्डम 1928 ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी के स्वर्णिम युग की शुरुआत हुई। जहां भारत ने हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। यहां यह बताना आवश्यक है कि भारतीय हॉकी टीम ने इस ओलंपिक में कुल 29 गोल किए परन्तु पूरे टूर्नामेंट में उनके खिलाफ कोई भी देश एक भी गोल नहीं कर पाया था। 1930 और 40 के दशक में महान खिलाड़ी ध्यानचंद के नेतृत्व में भारत की पुरुष हॉकी टीम का उदय हुआ।
 
भारतीय हॉकी टीम ने एम्स्टर्डम 1928, लॉस एंजिल्स 1932 और बर्लिन 1936 में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए लगातार तीन स्वर्ण पदक हासिल किए जिससे दुनिया की प्रमुख हॉकी ताकत के रूप में भारत की प्रतिष्ठा मजबूत हुई। स्वतंत्रता के बाद भारत की ओलंपिक यात्रा लंदन 1948 खेलों से शुरू हुई। उन खेलों में भारत के 86 एथलीट उतरे थे। वहां भी भारतीय हॉकी टीम ने अपना दबदबा जारी रखा और अपना चौथा ओलंपिक स्वर्ण हासिल किया। हेलसिंकी 1952 ओलंपिक में पहलवान के.डी. जाधव ने भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक कांस्य जीतकर इतिहास रचा। हॉकी टीम फिर स्वर्ण विजेता बनी। इस तरह भारत ने पहली बार ओलंपिक खेलों की बहु-पदक तालिका में अपना नाम दर्ज करवा इतिहास रचा। मेलबर्न 1956, रोम 1960, टोक्यो 1964 में भारतीय हॉकी टीम ने अपना स्वर्ण अभियान जारी रखा। मैक्सिको सिटी 1968 में हॉकी टीम का प्रदर्शन गिरा और कांस्य से संतोष करना पड़ा।
 
म्यूनिख 1972 ओलंपिक में भारत ने फिर से हॉकी कांस्य जीता। 1976 मॉन्ट्रियाल ओलंपिक खेलों में भारत एक भी पदक नही जीत पाया। 1980 के मास्को ओलंपिक खेलों में भारत ने हाकी में फिर से उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। 84, 88, 92 के ओलंपिक में भारत खाली हाथ लौटा। अटलांटा ओलंपिक 1996 में टेनिस स्टार लिएंडर पेस ने लंबे समय से प्रतीक्षित पदक कांस्य के रूप में जीता। सिडनी 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में कांस्य पदक के साथ ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया। 2004 एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने शूटिंग डबल ट्रैप स्पर्धा में भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल जीत इतिहास रचा।
 
बीजिंग 2008 ओलंपिक भारत के लिए यादगार रहा। इन खेलों में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में देश के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक हासिल कर इतिहास रचा और मुक्केबाज विजेंदर सिंह और पहलवान सुशील कुमार ने भी कांस्य पदक जीते। जो 1952 के बाद से भारत का पहला बहु-पदक ओलंपिक था। 2012 लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल ने भारत के लिए बैडमिंटन पदक जीता। पहलवान सुशील कुमार ने सिल्वर पदक जीता। सुशील कुमार एकल प्रतियोगिता में दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक जीता। गगन नारंग ने शूटिंग, मैरी कॉम ने मुक्केबाजी और योगेश्वर दत्त ने कुश्ती में कांस्य जीत पदकों की संख्या में इजाफा किया। जो उस समय तक भारत का ओलंपिक में छह पदक जीत सर्वश्रेष्ठ  प्रदर्शन था।
 
रियो 2016 में पी.वी.सिंधु और साक्षी मलिक भारत की पदक विजेता रही। यह पहली बार था जब भारत के सभी पदक महिला एथलीटों ने जीते थे। टोक्यो 2020 भारत ने कुल 7 पदक जीते। जो किसी भी ओलंपिक में भारत की ओर से सर्वाधिक पदक हैं। इन खेलों में पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक के साथ 41 साल का पदक सूखा खत्म किया। नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक भारत के लिए पहला ट्रैक-एंड-फील्ड स्वर्ण पदक जीता। रवि दहिया ने पुरुषों के 57 किलोग्राम वर्ग कुश्ती मुकाबले में रजत पदक जीता। मीरा बाई चानू ने  49 किलोग्राम भारोत्तोलन में रजत पदक जीता। लवलीना बोरगोहेन ने वेल्टर वेट बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीता। महिला बैडमिंटन की एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर पी.वी सिंधु लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बनी। बजरंग पुनिया ने 65 किलोग्राम वर्ग कुश्ती में कांस्य पदक जीता। पेरिस 2024 के लिए भारतीय ओलंपिक दल को हार्दिक शुभकामनाए।
 
(नीरज शर्मा'भरथल')
 

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