वर्ष 2020 में बने सामुदायिक शौचालय की हालात बदहाल 

मामला विकासखंड नकहा की ग्राम पंचायत बेल खुर्द के मजरा सिरसी का है

वर्ष 2020 में बने सामुदायिक शौचालय की हालात बदहाल 

लखीमपुर खीरी- एक और जहां भारत सरकार लाखों रुपए खर्च कर लोगों को खुले में शौच करने से जाने से मुक्त करने के लिए पानी जैसा पैसा बहते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचायलयों का निर्माण करा रही है वही ग्राम प्रधान व अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते लाखों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय जर्जर अवस्था में पड़े अपनी बदहाली की दास्तां बयां करते देखे जा सकते हैं। ऐसा ही एक मामला विकासखंड नकहा की ग्राम पंचायत बेल खुर्द के मजरा सिरसी में देखा जा सकता है ।जहां पिछली पंचवर्षीय योजना या यूं कहें कि वित्तीय वर्ष 2020 में ग्राम पंचायत बेल खुर्द के मजरा सिरसी में लाखों की लागत से एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था ।
 
इस सामुदायिक शौचालय की देखभाल के लिए केयरटेकर भी रखे जाने की जानकारी लोगों द्वारा दी गई इसके बावजूद शौचालय बने 4 वर्ष ही हुए हैं और शौचालय जीर्ण शीर्णअवस्था में निषप्रयोज्य खड़ा  अपनी बदहाली और सरकार की योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की दास्तां बयां कर रहा है ।इस शौचालय के दरवाजे पल्ले और खिड़कियों का कहीं अता पता नहीं है और ना ही पानी की टंकी टोटिया ही लगी है शौचालय की फर्श और प्लास्टर टूटा फूटा पड़ा है हाथ धोने को सरकार द्वारा लगवाए गए वॉश बेसिन का भी कहीं अता पता नहीं है।
 
उक्त सामुदायिक शौचालय की जर्जरहालत की  की खबर कवर करने गए हमारे संवाददाता को कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस शौचालय की मरम्मत कराए जाने के नाम पर पैसा निकाल कर हजम कर लिया गया है लेकिन शौचालय की मरम्मत आज तक नहीं करायी गयी।इतना ही नहीं एक ग्रामीण द्वारा यह भी बताया गया की नल रिबोर और मरम्मत के नाम पर पैसा निकाला जाता है लेकिन नल आज भी खराब पड़ा है जो प्रधान व पंचायत सचिव की गोलमाल की कहानी की दास्तान स्वयं बयां करने को काफी है।फिलहाल उक्त ग्राम पंचायत की सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अब तक कराए गए विकास कार्यों से संबंधित जानकारी भी चाही गई है मांगी गई सूचनाओं के मिलने पर भारी अनीयमितताओं के उजागर होने की आशंका व्यक्त की गई है।
 
इस संबंध में जब ग्राम प्रधान बेल  खुर्द संदीप वर्मा से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया शौचालय की मरम्मत के नाम पर कोई पैसा नहीं निकाला गया है और एस्टीमेट बनवाकर शौचालय  की मरम्मत कराई जाएगी। वही जब पंचायत सचिव बेल खुर्द से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनकी घंटी बजती रही कई बार फोन की घंटी बजाने के बाद भी फोन नहीं उठा जिससे उनके पक्ष की जानकारी नहीं हो सकी।

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