तुलसीपुर नगर क्षेत्र के मोहल्‍लों में मच्‍छरों के बढ़ते प्रकोप ने लोगों का जीना किया हराम

नालियां जाम और सफाई न होने से बढ़ा नगर में मच्छरों के प्रकोप पर नगर प्रशासन मौन

तुलसीपुर नगर क्षेत्र के मोहल्‍लों में मच्‍छरों के बढ़ते प्रकोप ने लोगों का जीना किया हराम

विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट 

तुलसीपुर/बलरामपुर

ठंड का मौसम बढऩे के साथ ही जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर नगर क्षेत्र के मुहल्ले में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। घर हो या दुकान, हर जगह मच्छरों का काफी आतंक मचा हुआ है। सुबह हो या शाम मच्छरों का हमला नही रुकता है। जिसके कारण संक्रमण का खतरा, बीमारी के भय से लोग दिन में भी मच्छरदानी तथा मच्छर भगाने वाले क्वायल का प्रयोग करते हैं। गुडनाइट और मच्छर मारने वाले क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मच्छर मारने के लिए जो क्वायल या फिर गुडनाइट जलाते हैं, वह सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा नुकसानदायक है।

 लोगों की मानें तो मच्छरों के बचाव को निजी इंतजाम नहीं किए जाएं तो घंटे दो घंटे भी लोग शांति से बैठ नहीं सकते।

मच्छरों के आतंक से दिन में भी लोग परेशान हैं। नगर में फॉगिंग नहीं होने से खासकर मच्छरों के आतंक से छोटे बच्चे, बूढ़े एवं महिलाओं को अधिक कठिनाई हो रही है। जबकि नगर के मुख्य सड़को पर नगर पंचायत फगिग करवा स्वयं सन्तुष्ट हों जाता मगर नगर के वार्डो में कैसा जीवन है उसके बारे में नगर पंचायत प्रशासन अनजान बना हुआ । नगर पंचायत क्षेत्र तुलसीपुर के अधिकांश मुहल्ले में जल जमाव की समस्या बनी है । जंहा नालियां भटी होने जलजमाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढऩा कोई बड़ी बात नहीं है। ऊपर से नगर के अधिकांश मुहल्ले के नाले में जमी गंदगी मच्छरों का आतंक बढ़ाने में सहायक साबित हो रही है। मुहल्ले में गंदगी होने के कारण संक्रामक रोग एवं मच्छरों का प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसकी प्रवाह नगर प्रशासन को नहीं है। जिसको लेकर जब नगर पंचायत के ईओ से बात की जाती है तो किसी कारण से बात नही हो सकी जिससे उनका पक्ष नही मिला।

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

श्रम मानक तय करे सरकार, श्रमिकों का शोषण नहीं किया जाना चाहिए।: सुप्रीम कोर्ट। श्रम मानक तय करे सरकार, श्रमिकों का शोषण नहीं किया जाना चाहिए।: सुप्रीम कोर्ट।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जल आयोग द्वारा दो एडहॉक कर्मचारियों को अचानक बर्ख़ास्त कर देने के ख़िलाफ़ याचिका...

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

संजीव-नी।
संजीव-नी।
संजीव -नी।
संजीव-नी।
संजीव-नी|