यदि सी डी ओ कराये मामले की जांच तो एक बडे मनरेगा घोटाले का होगा खुलासा,
खण्ड विकास अधिकारी से लेकर ग्राम प्रधान पंचायत सचिव और रोजगार सेवक तथा टी ए साहब पर भी आयेगी कार्यवाई की आंच
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पत्नी, नौकर, भाई ,भाभी ,और मां के नाम खरीदी जमीन, दुकान ,और बाग तथा लखीमपुर में बनाया आलीशान मकान
विकासखंड फूल बेहड की ग्राम पंचायत खंभार खेड़ा में तैनात रोजगार सेवक पर भ्रष्टाचार करने एवं ग्राम पंचायत में अपनी फर्म के कागजों पर दर्जनों ग्राम पंचायत में अप्रत्यक्ष रूप से ठेकेदारी करना तथा सामग्री आपूर्ति करने के साथ-साथ रोजगार सेवक रहते दोहरा लाभ लेने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सेवक शैलेंद्र सिंह ने ग्राम पंचायत खंभार खेड़ा सहित दर्जनों ग्राम पंचायत में अप्रत्यक्ष रूप से अपनी फर्म के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार करके कई करोड़ की नामी बेनामी संपत्ति हासिल की है। यदि उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति नामी बेनामी संपत्ति की कराई जाए जांच और आय के स्रोतों की हो जांच तो एक बड़े आए से अधिक संपत्ति बनाने के मामले पर्दाफाश होना तय होगा।
ग्रामीण एवं जानकार सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी को सत्य माने तो मुरादनगर पतरासी के पास शैलेंद्र सिंह द्वारा जमीन खरीदी गई लखनपुर के पूर्व तराई क्षेत्र में भी जमीन खरीदने का की जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है। दो बीघा बाग खंभार खेड़ा में ,एक बीघा जमीन तीन लाख 50 हजार में अपने नौकर राम मूर्ति के नाम खरीदी गई तथा बैनामा कराई गई है। इतना ही नहीं एक दुकान पक्की अचाकापुर में लखीमपुर में 20 लाख का मकान उक्त सारी संपत्ति रोजगार सेवक शैलेंद्र सिंह द्वारा अपने नौकर, भाई, पत्नी, भाभी ,एवं मां के नाम खरीदे जाने का मामला जन चर्चा का विषय बना है ।
उक्त आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं यह आरोप मेरे नहीं हैं सूत्रों ने तो यहां तक बताया है कि कुछ जमीन मुलायम पुत्र त्रिभुवन से दो बीघा बाग खरीदे जाने की बात का जिक्र भी आया है। वहीं पुनई पुत्र मनोहर निवासी अचाकापूर तेतारपुर से एक बीघा जमीन 350000 रुपए में खरीद कर अपने नौकर राम मूर्ति के नाम बैनामा कराए जाने का जिक्र काफी सुर्खियां बन रहा है। उक्त रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक के बीच चल रही लंबी डील के विषय में बताते हुए लोगों का आरोप है की निर्माण सामग्री के लिए पंजीकृत फर्म में तकनीकी सहायक साहब की भागीदारी बताई जा रही है।
उक्त रोजगार सेवक आखिर इतने अल्प समय में कैसे हो गया करोड़ का स्वामी? यह अहम सवाल बना हुआ है ।तथा उनके द्वारा कहीं ना कहीं तो नियमों की अनदेखी करते हुए भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है ।इनके द्वारा मनरेगा घोटाले में फर्जी हाजिरी लगाकर लोगों से पैसा निकाल कर बंदरबाट करने वाली डायरी के पन्नो पर गौर करें जो हिसाब रोजगार साहब की हैंडराइटिंग में लिखा गया बताया जाता है तो फिर लाखों का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आएगा। आलम यह है कि फर्जी मजदूरी चढ़ा कर उनके खाते से पैसा निकलवाने के मामले में कमीशन तय कर दिया गया था यदि किसी के खाते में 4000 आया है तो उसको ₹1000 देकर शेष वापस ले लिया जाता है। यदि डायरी में लिखे नाम और हिसाब किताब की ही कर ली जाए जांच तो एक भारी भ्रष्टाचार का खुलासा होना तय होगा लोगों ने रोजगार सेवक की आय सेअधिक संपत्ति की जांच कराये जाने की मांग किए जाने की बात कही है।
कागजो पर तालाब की खुदाई व जीर्णोद्धार कराकर लाखो का गवन
विकासखंड फुलबेहड की ग्राम पंचायत खंभार खेड़ा में ग्राम प्रधान बहोरी लाल पंचायत सचिव दिनेश वर्मा व रोजगार सेवक शैलेंद्र सिंह तथा टी ए नीरज कुमार की मिली भगत से फर्जी हाजिरी लगाकर तथा कई काम कागजों पर दिखाकर मनरेगा योजना में भारी भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगाए गए हैं ।सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत खंभार खेड़ा में औधि तालाब और कुशहा नाथ तालाबों पर अमृत सरोवर योजना के तहत कई लाख रुपए का गवन किया गयाहै। उक्त तालाब का जीर्णोद्धार मात्र कागजों पर हुआ हकीकत की धरातल पर हाल बदहाल देखा जा सकता है ।इसी के साथ ही दहनवा तालाब की खुदाई में भी भारी भ्रष्टाचार किए जाने का मामला खुलकर सामने आया है।
इस तालाब की खुदाई का कार्य 15 जून 2023 को शुरू दिखाया गया कार्य कब पूर्ण हुआ पता नहीं ?कुल मानव दिवस कितने लगे पता नहीं ?अनुमानित लागत 690000477 रुपए दिखाई गई है। जबकि ग्रामीणों के अनुसार उक्त तालाब की खुदाई कराई ही नहीं गई मात्र कागजों पर खुदाई कराकर और बोर्ड लगाकर सरकारी धनराशि हड़प लिए जाने के गंभीर आरोप समाज सेवी श्याम किशोर गुप्ता द्वारा लगाए गए हैं ।ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों पर गौर करें और तालाब स्वयं खुदाई की दास्तां बयां कर रहा है फोटो में उक्त तालाब में तो सिंघाड़ा की फसल लगी है तालाब की खुदाई हुई कैसे यह अहम सवाल बना है।
लगभग एक माह पहले पटाई गई सड़क की पुनः की जा रही मरम्मत
मनरेगा में फैले भ्रष्टाचार की दास्तान स्वयं बयां कर रही है कि अभी हाल ही में एक सड़क जो मनकू के खेत से सत्रोहन के खेत तक गई है उक्त सड़क महज एक माह पहले पाटी गई थी। और उसपर पुनः 11 मजदूर काम करते नजर आए उक्त मजदूरों से जानकारी लेने पर बताया कि यह सड़क अभी हम लोगों ने ही पार्टी थी। सड़क कहीं कहीं कट गई थी अब हम लोग इसकी मरम्मत का कार्य कर रहे हैं ।लगभग एक माह पहले पाटी गई सड़क कैसे कट गई? बरसात भी नहीं हुई तो सड़क कटी कैसे ?महज सरकारी धन की लूट का संयोजित खेल खेले जाने के आरोप लगाए गए हैं ।लोगों का आरोप है यह सड़क राजस्व अभिलेखों में दो लट्ठा के चौड़ी है पर एक लट्ठा व मुश्किल से ही पटाई कराई गई है। पटाई के नाम पर खेल-खेल कर सरकारी धन का खुले आम दुरुपयोग किया जा रहा है जनहित में इसकी जांच किया जाना आवश्यक है।
कई रास्ते कागजों पर पटवाकर सरकारी धन हडपे जाने के आरोप
वर्ष 2024 माह जून यानी बरसात के समय भी मनरेगा से सड़क पटाई करना बोर्डोपर दिखाया गया है जबकि सड़क पर खड़ी घास को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क कागजों पर पार्टीगई या हकीकत में ।रतिराम के खेत से कल्लन के घर तक सड़क पटाई का कार्य इसकी बानगी भर है जिसे देखकर भ्रष्टाचार किए जाने का अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि जिला अधिकारी जांच टीम गठित कर खंभार खेड़ा में वित्तीय वर्ष 2022 -2023 ,2024 ,और 2024 -25, में कराए गए मनरेगा से कार्यों की कराये स्थलीय जांच तो करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का होगा खुलासा, ऐसा ग्रामीणों का आरोप है मामले की लिखित शिकायत समाज सेवी श्याम किशोर गुप्ता द्वारा शासन प्रशासन से कर निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की गई है।
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