सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर में फेल नजर आरहा प्रशासक बिना नकेल के मनमानी पर उतारू कर्मी

एनएम सेंटरों के पणताल में दिखा कर्मचारियों के गायब व दूसरे के ड्यूटी पर दूसरा कर रहा नौकरी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर में फेल नजर आरहा प्रशासक बिना नकेल के मनमानी पर उतारू कर्मी

 बिना काम पर आये ही उपथिति पंजिका में लग रहा हाजरी और हो जाता भुगतान का बड़ा खेल

बलरामपुर- जहां उत्तरप्रदेश में स्वास्थ्य व शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तमाम दावे किये जाते हैं लेकिन धरातल पर जो तस्वीर सामने आ रहे हैं वह तमाम दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। जबकि देखा जाए तो स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार लाखों और करोड़ों रुपये प्रदान करती है जिससे आमजन को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओ की अच्छी सुविधा मिल सके लेकिन स्वास्थ विभाग की भ्रष्टाचार का आलम तो यह है की स्वास्थ्य के तमाम सुविधाएं और योजनाएं मात्रा फाइलों में प्रदर्शित होती हैं बाकी धरातल पर घना अंधेरा कायम है।
 
ऐसा एक मामला जनपद बलरामपुर के स्वास्थ विभाग के सीएससी तुलसीपुर का है जंहा स्वास्थ्य विभाग बलरामपुर के अधिकारियों के अजब गजब कारनामें उजागर हुए है ।जिसमे वार्ड बॉय से कथित फर्जी बाबू बने अरुण कुमार कनौजिया करा रहे अपने भाई को भी स्वास्थ विभाग में फर्जी नौकरी की जानकारी मिल रही है ।वही सीएचसी तुलसीपुर में कर्मचारियों के तैनाती में भी बड़ा झोल की बात सामने आ रही है जिसमे तमाम उप स्वास्थ केंद्र पर कर्मियों की मनामनी का आलम तो यह है कि एनएम सेंटरों पर एनएम व सीएचओ काफी दिनों से गायब रह रहे की जानकारी सूत्र बताते है जबकि इस सम्बंध में कई समाचपत्र में समाचार प्रकाशन के बाद भी विभागीय जिम्मेदार नही जग रहे। 
 
जबकि अभी कुछ महीने पूर्व में नए सीएचसी अधिकारी विकल्प मिश्रा की तैनाती यहां पर की गई जबकि इससे पहले यहां अधीक्षक डॉ सुमन्त सिंह चौहान रहे है और उनके कार्यकाल में भी कर्मचारी गायब रहने की बात सामने आई थी और ऐसे तमाम तरह के आरोप के बाद उनका ट्रांसफर अन्य कर दिया गया जिससे थिथिल व्यवस्था को सही किया जा सके लेकिन व्यवस्था का हाल आज भी काफी खराब है और कर्मचारियों के मनमानियों पर डॉ विकल्प मिश्रा लगाम लगाने में विफल दिख रहे ।
 
वही देखा जा रहा कि व्याप्त भ्रष्टाचार पर विभागीय जांच के नाम सिर्फ खानापूर्ति कर कागजो में मौसम गुलाबी बताया जा रहा ।जंहा हक़ीकत से इनकार नही किया जा सकता ।वही आपको बता दे कि कर्मियों के गायब की हकीकत सेंटरों के सर्वे में उजागर होता है कि कितने ड्यूटी पर है और कितने लापता । वेक्सीनेशन के दिन टीम के सर्वे पर सीएचसी तुलसीपुर के कई कर्मियों के ड्यूटी पर न रहने की तस्वीर सामने आई है। वही दूसरी बात पद किसी अन्य का और ड्यूटी कोई और कर रहा की बात भी सामने आई है ।
 
आपको बता दे कि कोल्ड चेन हैंडलर के पद पर तैनात सुदेश LHV है लेकिन फर्जी बाबू अरुण प्रताप कनौजिया व डॉ विकल्प मिश्रा के संरक्षण में इस केंद्र में उमानाथ कनौजिया कार्य कर रहे की तस्वीर देखी गई है जबकि ऐसा सम्भव नही है फिर कैसे इस तरह का खेला चल रहा है जिसको देख यह कहाबत यहां के अधिकारियों पर सटीक लगती है हाथी के दांत खाने को और और दिखाने के और है ।
 
जिसको लेकर कब पणताल की जाती है तो उमानाथ कनौजिया अरुण कन्नौजिया का है छोटा भाई है जो स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में फर्जी नौकरी कर रहा है । जबकि सूत्र की माने तो अरुण कुमार कनौजिया के संरक्षण में काफी दिनों से सुदेश LHV गायब रहता है और उसके स्थान पर उसका भाई नौकरी करता है ।
 
जबकि गायब LHV सुदेश का उपस्थित पंजिका पर ड्यूटी पर उपस्थित का हस्ताक्षर रहता है और वेतन भुगतान भी होंरहा की जानकारी मिल रही है । वही अगर सूत्रों की माने तो ऐसे तमाम फर्जी वाड़े का अरुण कुमार कनौजिया मास्टरमाइंड है और उसपर सीएमओ मुकेश रस्तोगी व अधीक्षक तुलसीपुर विकल्प मिश्रा का संरक्षण की जानकारी मिल रही है। जिससे ऐसा साबित होता है कि तमाम तरह के विभागीय खेल विभागीय जिम्मेदारो के शह पर ही सम्भब है जिसकी मौन स्वीकृत के सहारे ही सारा खेल यहां चल रहा ।जिसकी अन्य एजेंसी से अगर पारदर्शी जांच हो तो जनपद से लेकर सीएचसी तुलसीपुर में बहुत से बड़े खुलासे होंगे और सच सामने आएगा कि खेला किसके इशारे पर चल रहा।
 
 

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