आखिर कब मिलेगा न्याय दलित अपने बहु के साथ दो माह से बैठे है धरने पर
थानाध्यक्ष अहिरौली और उप जिलाधिकारी सदर की जुगलबंदी से भू माफियाओं की बल्ले बल्ले
अम्बेडकरनगर ।थानाध्यक्ष अहिरौली और उप जिलाधिकारी सदर की जुगलबंदी से भू माफियाओं की बल्ले बल्ले है । जिसके चलते अपनी खतौनी की जमीन कब्जाने से बचाए जाने के लिए मंगलवार से बुजुर्ग दलित ठनगनी अपनी बहू अनारकली के साथ आमरण-अनशन पर बैठने के लिए मजबूर हो गया है।थाना क्षेत्र के कटेहरी गांव निवासी दलित ठनगनी व उसकी बहू अनारकली द्वारा लगातार 56 वें दिन जिला मुख्यालय पर स्थित डॉक्टर बी आर अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपनी आंखों को बंद करते हुए पीड़ित की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा सोमवार को पुनः शुरू करवा दिया गया है। पीड़ितों ने उप जिलाधिकारी सौरभ शुक्ला से मुलाकात कर आज अवैध रूप से हो रहे कब्जे को न रोकें जाने पर मंगलवार से प्रशासन के खिलाफ आमरण अनशन शुरू किए जाने की चेतावनी देते हुए उसके लिए एस डी एम की जवाबदेही तय कर दी है। पीड़ितों ने बताया कि उप जिलाधिकारी और एस ओ भू माफियाओं से साठ-गांठ करके उसकी खतौनी की जमीन पर कब्जा करवा रहे हैं। ठनगनी की बहू ने बताया कि आज शुबह जब वह अवैध रूप से हो रहे अपने जमीन पर कब्जे का विरोध करने गई तो दबंग भूमाफिया व उसके गुर्गों ने जाति सूचक गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देने लगे ।
पीड़िता ने कहा कि मेरे ससुर बहुत बुजुर्ग है।वह लड़ाई करने में असमर्थ हैं इस लिए हम सब वहां से जान बचाकर भाग आए। ठनगनी ने बताया कि अवैध रूप से हो रहे भूमि पर कब्जा को लेकर वह गत एक अक्टूबर से अपनी बहू के साथ धरने पर बैठ गया था। धरने पर बैठने के बाद एस डी एम द्वारा नायाब तहसीलदार के साथ राजस्व विभाग की टीम भेज कर मामले की जांच करवाई थी।जांच से पता चला कि कब्जा कर रहे भूमाफियाओं के पास उक्त भूमि से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है। और निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया था। बताया कि भूमाफियाओं के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर वह अभी भी धरने पर निरंतर बैठ रहा है। लेकिन जिला प्रशासन का कोई अधिकारी उसकी समस्या को सुलझाने के लिए आगे नहीं आया। प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से भूमाफियाओं द्वारा पुनः निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया। जबकि पीड़ित आज भी धरने पर बैठा हुआ है। उक्त प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में पहुंच कर उसने न्याय की गुहार लगाई थी। तथा प्रधानमंत्री, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग, राज्यपाल, राष्ट्रपति,डी आई जी,डी जी मंडलायुक्त सहित अन्य कई अधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेज कर न्याय की फरियाद की थी। लेकिन राजस्व व पुलिस विभाग द्वारा ग़लत रिपोर्टिंग करके उच्चाधिकारियों को गुमराह कर दिया जा रहा है। अब उसे न्याय मिलने की उम्मीद क्षीण हो रही है। कहा कि यदि अधिकारियों ने अवैध कब्जे को न रोका तो वह अम्बेडकर प्रतिमा के नीचे भूख हड़ताल करके जान दे देगा जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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