उ०प्र० माटीकला बोर्ड द्वारा आयोजित एक दिवसीय माटीकला जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार हेतु अधिक से अधिक खादी ग्रामोद्योगी इकाइयों की स्थापना

बेरोजगारों के लिए सार्थक पहल
अजीत सिंह ( ब्यूरो)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश -जिला ग्रामोद्योग कार्यालय उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड जनपद-सोनभद्र द्वारा शिक्षित बेरोजगार नवयुवको/युवतियों को स्वरोजगार में रुचि रखनें वाले क्रियाशील व्यक्तियों को उद्योग की स्थापना करने एवं रोजगार सृजन बढ़ाने के उद्देश्य से शुक्रवार को डायट परिसर सोनभद्र में एक दिवसीय माटीकला जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन महेश इण्डियन ट्रेनिंग सेन्टर के द्वारा किया गया, आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी द्वारा गाँधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एंव दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी किरन श्रीवास्तव द्वारा पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी के कर कमलों द्वारा चयनित 30 प्रजापति लाभार्थियों को प्रमाण पत्र व कुम्हारी विद्युत चालित चाक का निःशुल्क वितरण किया गया साथ ही साथ खादी एवं ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार हेतु अधिक से अधिक खादी ग्रामोद्योगी इकाइयों की स्थापना हेतु प्रत्येक विकास खण्ड से चयनित 2 ग्राम प्रधानों को जनपद स्तर पर उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड लखनऊ से प्राप्त प्रोत्साहन धनराशि रु0-2000.00 का चेक, अंगवस्त्र जिस पर विभाग/बोर्ड का लोगो अंकित था एवं प्रशस्ति पत्र उनके द्वारा प्रदान किया गया।
उक्त आयोजित कार्यक्रम में उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र से राजधारी गौतम, जिला अग्रणी प्रबन्धक शलन बागे, डी०डी०एम०नाबार्ड आनन्द कुमार पाण्डेय, निदेशक (आरसेटी) आदि उपस्थित रहे। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी किरन श्रीवास्तव द्वारा विभाग से संचालित मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, प्रधानमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के बारे में बताया गया।
उपायुक्त उद्योग से राजधारी गौतम द्वारा लघु उद्योग से सम्बन्धित चल रही योजनाओं एवं एल०डी०एम० एवं सोनभद्र द्वारा शासन द्वारा संचालित योजनाओं में बैंको से किस प्रकार ऋण लिया जा सकता है तथा ऋण लेने के सम्बन्ध में निदेशक (आरसेटी) एवं डी०डी०एम०नाबार्ड द्वारा लाभार्थियों को प्रशिक्षण लेने हेतु जानकारी प्रदान की गयी। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा आशीर्वचन के रुप में सभी प्रधानों को बधाई दी गयी तथा लाभार्थियों को प्रोत्साहित किया गया ।
उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया गया कि पहले पत्थर चाक की अपेक्षा वर्तमान में इलैक्ट्रिक चाक से कम परिश्रम एवं कम समय में अधिक गुणवत्ता वाले अधिक मात्रा में मिट्टी के बर्तन बनाये जा सकते है। प्लास्टिक का प्रयोग बन्द करने के लिए एवं इको फ्रेन्डली कुल्हड़ का प्रयोग करने के लिए बढावा दिया गया तथा उनके द्वारा स्टॉल पर लगे मिट्टी के बर्तनों दीया, परई, कलसा, गुल्लक आदि का निरीक्षण किया एवं विद्युत चालित चाक पर मिट्टी से दीया बनाया गया। कार्यक्रम का समापन जिला ग्रामोद्योग अधिकारी द्वारा सभी को बधाई देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
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