बस मार्शलों को एलजी आफिस से डिटेंन किया
स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी।
दिल्ली। पिछले 9 महीने से ड्यूटी से बाहर निकाले गए 10792 डीटीसी बस मार्शलों का सोमवार को सब्र का बांध टूट गया। वह पिछले नौ महीने से दिल्ली सचिवालय की सडक पर धरने पर बैठे थे। लेकिन कोई भी सरकारी अमला इनकी सुध लेने नहीं आया।इस बीच वह दिल्ली सरकार के तमाम मन्त्री से लेकर संतरी तक और भाजपा के भी नेताओ से मिल कर हल निकालने की बात कर नौकरी बहाल करने की बात रख चुके हैं। मगर मार्शलों का कहना है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही बस मार्शलों को छला है। वह एक दूसरे के ऊपर डालकर अपना पल्ला झाड़ते रहे है।
इस बाबत मुकेश मार्शल संगम विहार ने बताया कि बेरोज़गर हुए बस मार्शलों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है। अक्टूबर से लेकर अब तक करीब 20 मार्शलों ने खुदकुशी तक कर ली है। गरीबी,भुखमरी, और बेरोजगारी से परेशान हजारो बस मार्शलों ने सोमवार को उपराज्यपाल आफिस में अपना दुख बताने और नौकरी बहाल करने की गुहार करने गए तो वहां भी मार्शलों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया।
बडी संख्या में एलजी आफिस पहुंचे महिला,पुरूष बस मार्शलों को दिल्ली पुलिस द्वारा डिटेंन कर लिया गया। खबर लिखे जाने तक मार्शलों का नेतृत्व कर रहे संजय शर्मा, प्रेमजीत,सचिन ,समेत मुकेश संगम विहार ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने तमाम बस मार्शलो को डिटेंन कर बस में भर लिया है और वह उन्हे किसी अननाऊन जगह पर ले जा रहे थे।संजय शर्मा ने बताया कि हम गिरफ्तारी देने को तैयार है। जब तक तमाम बस मार्शलों का रोजगार बहाल नहीं किया जाता है तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
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