राशन की दुकानो से मिलने वाले चावल कहीं प्लास्टिक के दाने तो नही सवाल !
जागरूकता के अभाव में ग्रामीण फोर्टी फाईड चावल को बता रहे प्लास्टिक के कृतिम दाना
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गोरखपुर जनपद सहित ग्रामीण क्षेत्री में राशन की दुकान पर मिलने वाले चावल में बिभिन्न प्रकार के दाने देख तरह तरह के सवाल उठा रहे है , सर्वाधिक लोग प्लास्टिक के चावल व चाइनीज चावल समझ कर उसकी बिनाई कर फैंक रहे है , साथ सरकार को कोष रहे है ,दर्शल यह अतिरिक्त चावल जो पाए जा रहे वो कुछ और नही बल्कि फोर्टी फाइड चावल जो जो पॉधक तत्व बीमारियों को रोकने में कारगर है ,जागरूकता के अभाव में आज ग्रामीण जनता चावल में निकलने वाले अतिरिक्त दाने को प्लास्टिक के चावल जान कर उसे निकाल दे रहे है ।उक्त चावल की शिकायत ग्रामीण क्षेत्री से कई महिला व पुरुष मीडिया से सवाल उठाए ,जो जानकारी के आभाव में इनके गुडों से अंजान है ।
क्या है फोर्टिफाइड चावल का उद्देश्य
केंद्र सरकार फोर्टिफाइड चावल बांटकर कुपोषण और एनीमिया से लड़ेगी और एनीमिया को खत्म करने के लिए राशन की दुकानों पर 100 फीसदी फोर्टिफाइड राइस बाटवा रही है . केंद्रीय मिड डे मिल सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल बांटने की मंजूरी दी थी. इस योजना पर करीब 4,270 करोड़ रुपये का खर्च आया था . बच्चों में पोषक तत्वों और महिलाओं में खून की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया . खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में हर दूसरी महिला में खून की कमी और तीसरा बच्चा कमजोरी से जूझ रहा है. सरकारी योजनाओंं के जरिए फोर्टिफाइड चावल को जरूरतमंदों तक पहुंचाया है।
क्या होता है फोर्टिफाइड राइस, ये कैसे तैयार होते हैं और इनसे कितना फायदा होगा?
आसान भाषा में समझें तो फोर्टिफाइड राइस का मतलब है पोषणयुक्त चावल. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मुताबिक, जब किसी खाने की चीज में अलग से पोषक तत्व शामिल किए जाते हैं तो इन्हें फोर्टिफाइड फूड कहते हैं. ऐसे फूड में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाई जाती है और कुपोषण और एनीमिया जैसी दिक्कतों से राहत पाई जा सकती है।
चावल को कैसे फोर्टिफाइड किया जाएगा, अब इसे समझ लेते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है, देश में ऐसी कई तकनीक हैं जिससे चावल को पोषणयुक्त बनाया जा सकता है. इन तकनीक की मदद से इनमें माइक्रोन्यूट्रिएंट की संख्या और मात्रा को बढ़ाया जा सकता है जो सभी के लिए जरूरी हैं. फोर्टिफाइड चावल को तैयार करने के लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
चावल पर पोषक तत्वों की एक पर्त चढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा इसे पीसकर इनमें सूक्ष्म तत्वों को मिलाया जाता है फिर इसे मशीन की मदद से चावल का आकार देकर सुखाया जाता है. इसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहते हैं. इसे तैयार करने के बाद आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के मुताबिक, 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है।
यह चावल देखने में भले ही आम चावल की तरह ही दिखते हों लेकिन इनमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो इंसान की सेहत के लिए जरूरी माने जाते हैं. दूसरे आम चावल की तुलना में इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा इनमें विटामिन-ए, बी और जिंक भी पाया जाता है. इसके जरिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है।
फोर्टिफाइड चावल को तैयार करने के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती. इस साफ करने के बाद उसी तरह पकाया जाता है जैसे सामान्य चावल बनाते हैं. खास बात है कि पकने के बाद न तो इसके आकार में कोई बड़ा बदलाव दिखता है और न इसके पोषक तत्वों में कोई कमी आती है।
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