निगम के 270 सफाई कर्मियों को पक्के का तौहफा
स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी। दिल्ली नगर निगम में पिछले 27 साल से बतौर टेंम्परेरी भर्ती किए गए 270 सफाई कर्मचारियों को कमिश्नर अश्विन कुमार ने राखी का तोहफा देते हुए परमानेंट अप्रूवल करने के आदेश जारी कर दिए है। इससे वर्तमान में 50 साल से उपर की उम्र को छूने वाले सफाई कर्मियों में खुशी की लहर है। इस बावत एमसीडी सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष करण सिंह महरौलिया ने बताया कि यूनियन लंबे अर्से से बतौर टेम्परेरी सफाई कर्मचारियों को पक्का करने की लडाई लडती रही हैं। लेकिन निगम ने फिलहाल 270 कच्चे सफाई कर्मचारियों को ही पक्का किया है।
यूनियन नेता महरौलिया ने बताया कि जनाब एमसीडी के 12 जोनों में अभी कुल 40000 सफाई कर्मचारी बतौर कच्चो के काम कर रहे है। जिनको पक्का करवाने के लिए यूनियन अपने स्तर पर संघर्ष कर रही है। फिलहाल अभी जिन्हें पक्का किया गया है वह साल 1998 से 2000 के बीच के भर्ती हुए है। अब तीन दशक बाद उन्हें पक्का किया गया है। महरौलिया के मुताबिक एमसीडी के रोहिणी जोन में अभी 6000 सफाई कर्मी लगे हुए है। वह भी सालों से पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं।
यूनियन प्रेसीडेंट करण सिंह महरौलिया ने बताया कि एमसीडी में लापरवाही बरते जाने का ये आलम है कि साल 2010 में कच्चो में भर्ती सफाई कर्मियों का रिकार्ड तक गायब है। उनको लेफ्ट आउट करार कर दिया गया है। ऐसे सफाई कर्मियों को सिविल लाइन जोन, सेंट्रल जोन, या अन्य जोनों में तबादले तो कर दिए पर उनका संबंधित रिकार्ड/ तक नही भेजा गया है। ऐसे 1000 कच्चे सफाई कर्मी महकमें में जोन और हेड क्वार्टर के बीच में पिस कर रह गए है। वह अपने पक्के होने की उम्मीद में अफसरों की ओर मुंह ताक रहे है। जबकि उनका रिकार्ड तक गायब है। जिस वजह से उनका नाम लिस्ट से गायब है।
तब वह पक्के किस तरह से होगें? ये तो निगम के लापरवाह अधिकारियों को जवाब देना चाहिए। दरअसल, अधिकारियों की ऐसी घपलेबाजी ने 1 हजार से ज्यादा कच्चे सफाई कर्मियो का भविष्य अधर में लटका दिया है। यूनियन प्रेसीडेंट का कहना है कि पक्के होने वाले सफाई कर्मियों को हिंदूराव अस्पताल में मेडिकल करवाने की हिदायत दी गई हैं। जबकि मेडिकल चेक-अप निगम डिस्पेंरियों में भी किया जा सकता है।बता दें कि हिंदूराव अस्पताल में बेतहाशा भीड के चलते मेडिकल चेक-अप में कर्मियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लिहाजा यूनियन की अधिकारियों से अपील है कि सफाई कर्मियों का मेडिकल चेक-अप निगम की डिस्पेंसरियो में कराया जाए। अध्यक्ष के मुताबिक लिहाजा पक्के होने वाले सफाई कर्मियों का मेडिकल चेक-अप अब निगम की डिस्पेंसरियों में किया जाएगा।
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