3 वोटर आईडी 18 मोबाइल नम्बर 36 खाते का है संचालक है सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर डॉक्टर सुमंत सिंह
लोमड़ी से भी तेज चलता रहा सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर का शातिर दिमाग के चलते बना बैठा रहा तमाम बैंक खातों के संचालक
इलेक्शन कमीशन के निर्देशों का भी नही परवाह बनाया 4 वोटर आईडी की मिल रही जानकारी
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
जहां एक तरफ सरकार तमाम फर्जी वाड़े पर अंकुश लगाने के लिए लग़ातर नियम बनाती और बदलाव करती है जिससे फर्जीवाड़े और भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके और उसका पालन करवाने के लिए विभागों के जिम्मेदारों को निर्देशित करती है। जिससे व्याप्त भ्र्ष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके लेकिन जब विभागीय अधिकारी ही फर्जीवाड़े के सहारे भ्रष्टाचार कर ते हुए अनेक कारनामे अंजाम दे रहे हैं तब फिर सरकार के सारे नियम कानून के पालन किसकी जिम्मेदारी पर होगी।
जी हां मामला जनपद बलरामपुर के स्वास्थ विभाग से जुड़ा हुआ है । जिनके ऊपर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन व सेवाओं का जिम्मा हो और वही जब भ्रष्टाचार में लिप्त हो तो स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी आखिर कैसे हो। इसको लेकर एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहां पर जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समुदायिक स्वास्थ केंद्र तुलसीपुर के अधीक्षक डॉक्टर सुमन्त सिंह चौहान जो किसी शातिर अपराधी से कम नहीं की बात सामने आ रही है जहां एक ही व्यक्ति के तुलसीपुर में दो स्थान से पहचान पत्र हो और लखनऊ के निवास पर भी पहचान पत्र बनाया गया हो क्या यह नियमतः सही है । जबकि चुनाव आयोग के निर्देशों की माने तो एक व्यक्ति का वोटर आईडी एक ही होना चाहिए लेकिन सारे नियमो को दरकिनार कर स्थानीय नगर तुलसीपुर मैं दो स्थान से वोटर आईडी बनवाने की बात सामने आ रही है वही लखनऊ लक्ष्मी नगर निवास से भी इनका वोटर आईडी बना हुआ है जिनके बनवाने का आखिर मकसद क्या है और किस लिए बनाया गया है। जो एक बड़ा जांच का विषय है। तो वही भ्रष्टाचार के लंबे हाथ होते हैं की कहावत यहां सच साबित हो रही है जहां 18 मोबाइल नंबर के साथ लगभग 36 खाते का संचालन की बात भी सामने आ रही है। इसके द्वारा स्वास्थ विभाग के तमाम योजनाओं के अंतर्गत आने वाले सरकारी धन के बंदर बांट का खेल यहां 7 वर्ष से लगातार खेला जाने की बात की जानकारी सूत्रों से मिल रही है । जबकि देखा जा रहा है कि अनेक बैंकों में अनेक नाम से खोल गए बैक खाता का संचालन डॉक्टर सुमन सिंह चौहान के द्वारा ही किया जा रहा है । यही नहीं इसके साथ में कई पेटीएम और गूगल अकाउंट का भी खुलासा हुआ है जिनके चलते जमकर राजस्व की मलाई काटी गई है जो एक बड़ा जांच का विषय है। और अगर निष्पक्ष रूप से किसी अन्य संस्था के द्वारा इसकी जांच हो जाए तो बहुत से दफन रॉज के खुलासे होंगे।
सूत्र की माने तो उनके पास दो आधार कार्ड और दो पहचान पत्र का खुलासा हुआ है जबकि नियमतः यह गलत है और इस पर शासन प्रशासन को जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा अब तक कोई कार्रवाई न करना अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है
। तो वही आशा प्रकरण को लेकर हुए विवाद व अन्य आरोप पर अधीक्षक को तुलसीपुर सीएचसी से श्रीदत्तगंज सीएससी पर ट्रांसफर कर दिया गया है। लेकिन उनके ऊपर लगाए गए आरोप की जांच अब तक न होना मामले को रहस्यमय बना रहा है ।वही यह मामला स्वास्थ्य विभाग बलरामपुर के सीएमओ मुकेश रस्तोगी के गले की फांस बनती जा रही है जिससे न निगलते बनता है और ना ही उगलते।
ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे भृष्ट और शातिर अधिकारी डॉक्टर सुमन्त सिंह चौहान को बचाने में लगे हुए हैं और किसी तरह से मामले को पटाक्षेप करवाने की जुगत में है की जानकारी सूत्रों से मिल रही है । जबकि यह मामला शासन स्तर तक जा चुका है और इस पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के साथ अन्य कई प्रमुख विभागों को इसकी सूचनाओं पहुंच चुकी है । अब देखना यह होगा कि इन पर उनके भ्रष्टाचार को लेकर क्या कार्रवाई होती है और क्या दंड दिया जाता है। य यह जनता यह समझे कि विभागीय भ्रष्टाचार के तार जिले से लेकर स्वास्थ मंत्रालय तक जुड़े हुए हैं जिसके कारण अब तक कार्रवाई नहीं की गई है और इन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
Comment List