फर्जी अंक पत्र के सहारे वर्षो से शिक्षक वीरेंद्र शुक्ल कर रहे नौकरी
शिकायत के बाद भी विभागीय अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही न कर सिर्फ दिया जा रहा आश्वसन
जिला विद्यालय निरीक्षक व गन्ना प्रबन्धक समिति के आशीर्वाद से फर्जी शिक्षक बना हुआ प्रधानाचार्य
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
योगी जी भ्रष्टाचार को लेकर आप चाहे जितना भी दावे कर ले लेकिन प्रदेश से भ्रष्टाचार मिटने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार भ्रष्टाचार के मामले प्रकाश में आते रहते हैं जिसमें विभागीय संरक्षण की बात भी सामने आ रही है । जहां एक तरफ सरकार कानून व्यवस्था को दरुस्त करने के लिए तमाम तरह के निर्देश देकर संबंधित विभागों को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की निर्देश करती है लेकिम तस्वीर बताते हैं की विभागीय भ्रष्टाचार के कितने अंदर तक पाँव फैले हुए हैं और इन पर अंकुश लगाने की कोशिशे नाकाम साबित हो रही है । क्योंकि जिन विभागीय अधिकारियों के कंधों पर विभागीय भ्र्ष्टाचार की जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी होती है जब वही ऐसो को संरक्षण दे रहे हो तो फिर भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगेगा। तस्वीर बताती है कि जनपद बलरामपुर का शिक्षा विभाग में कितना भ्र्ष्टाचार व्याप्त है। जहां पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई वर्षों से शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कागजी खनापूर्ती अब तक कि गई है। जानकारी यहाँ तक मिल रही है कि विभाग को इस संबंध में पूरी जानकारी मिलने के बाद भी ऐसे शिक्षक अपने पद पर जमे हुए है । इससे ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं विभाग के ऐसे लोगों को विभागीय संरक्षण मिल रहा है जिसके चलते उनके हौसले अब भी बुलंद है।
ऐसा ही एक मामला जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर नगरीय क्षेत्र में स्थित गन्ना प्रबन्धक समित के द्वारा संचालित अर्द्ध सरकारी विद्यालय स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज तुलसीपुर का है जहां पर फर्जी अंक पत्र के सहारे अवैध ढंग से एक शिक्षक के नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है जहां वर्षों से एक शिक्षक वीरेंद्र कुमार शुक्ला के द्वारा कई वर्षों से फर्जी मार्कशीट के सहारे नियुक्ति पा कर नौकरी की जा रही है। और शिकायत को लेकर उनका कई बार वेतन तक काटा जा चुका है और कार्यवाही की बात भी की गई है लेकिन कार्यवाही नहीं हुई ।
जबकि
स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज तुलसीपुर में प्रधानाचार्य वीरेंद्र कुमार शुक्ला द्वारा कुटरचित तरीके से पद हासिल करने का मामला भी प्रकाश में आया है जंहा नौकरी प्राप्त करने को लेकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करवा नौकरी प्राप्त का खेल वर्षो पूर्व में किया गया है । जिसकी शिकायत कई बार सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों से की जा चुकी है । जिसको लेकर तमाम बार जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय बलरामपुर के द्वारा उक्त प्रकरण मे कार्रवाई करते हुए फर्जी शिक्षक का वेतन काटा तथा रिकवरी का आदेश भी हुआ है लेकिन तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक तथा तत्कालीन जिला गन्ना समिति प्रबंधन अधिकारी कुशहावा के मिली भगत से इनको प्रधानाचार्य पद का कार्यभार ग्रहण करवा दिया गया है । जिसको लेकर शिकायतकर्ता जिलाधिकारी बलरामपुर से मिलकर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले वीरेंद्र शुक्ला के बारे में अवगत कराएगा की जानकारी प्राप्त हो रही है । इस संबंध में वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा जानकारी दी गई है शीघ्र ही पूरे मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जिला गन्ना अधिकारी प्रबंधक स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज तुलसीपुर ने बताया कि पूर्व के अधिकारियों ने क्या किया मैं नहीं जानता लेकिन जब बात मेरे सामने आएगी और स्पष्ट हो जाएगा कि यह फर्जी नौकरी कर रहे हैं तो वीरेंद्र कुमार शुक्ला के ऊपर विधिक कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि ऐसे फर्जी शिक्षक पर शिक्षा विभाग व गन्ना प्रबन्धक समिति के अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही की जाती है य चढ़ावा पा कर उसे आशीर्वाद दिया जाता है और भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा देने का विभागीय अधिकारी कार्य करते है ।
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