शहरी आवास योजना में कूटरचित दस्तावेजों को लेकर चार कर्मचारी सहित सात गिरफ्तार
फर्जी जियो टैग लगाकर अपात्रों को पहुंचा रहे थे लाभ
बलरामपुर
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में कोर्ट रचित दस्तावेजों को तैयार कर जिओ टैग करने वाले कर्मचारियों सहित सात लोगों को जिले की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुटी है।
शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में फर्जी तरीके से जियो टैग कर कर्मचारी अपात्रों को लाभ पहुंचा रहे थे। जिसको लेकर क्रियटिव कन्सोर्टियम कीर्ति नगर नई दिल्ली के वादी मुकदमा नीरज कुमार सिंह द्वारा उतरौला कोतवाली में बीएनएस पंजीकृत कराया गया था।
जिसमे उल्लेखित किया गया था कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में संस्था के कर्मीयों द्वारा अर्द्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों पर फर्जी जियो टैग करते हुए कूटरचित अभिलेख तैयार कर सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया है। जिसकी गहन विवेचना की गई । मामले में संलिप्त पाए गए चार अभियुक्तों को कोतवाली बलरामपुर नगर पुलिस द्वारा एवम् 03 लोगों को कोतवाली उतरौला द्वारा अभियोग पंजीकरण के 48 घण्टे के अंदर गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
बताया कि कोतवाली नगर बलरामपुर पुलिस टीम द्वारा बीएनएस से सम्बन्धित अभियुक्त कार्तिक मोदनवाल , विजय कुमार यादव , मो0 वशीक, मो0 समीर को नहर बालागंज बलरामपुर से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त कार्तिक मोदनवाल व विजय कुमार यादव द्वारा संस्था में जियो टैग डाटा का सत्यापन का कार्य किया जाता था। इनके द्वारा मिलीभगत करके लाभार्थियों के आवास की गलत तरीके से अर्द्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों की जियो टैगिंग करके लाभार्थी अभियुक्त मो0 वशीक व मो0 समीर को अनुचित लाभ पहुंचाया गया तथा अभिलेखो में कूटरचना करके भुगतान कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।
इसी तरह उतरौला पुलिस टीम द्वारा 03 अभियुक्त अनिमेश तिवारी निवासी मानस नगर मकान लखनऊ हालपता मो0 सुभाषनगर उतरौला वा राहुल उम्र 35 वर्ष निवासी मोहल्ला आर्यनगर उतरौला ,रोहित सिंह उम्र करीब 26 वर्ष निवासी मोहल्ला आर्यनगर उतरौला को गिरफ्तार किया है जिसमें अभियुक्त अनिमेश तिवारी द्वारा मिलीभगत करके लाभार्थियों के आवास की गलत तरीके से अर्द्धनिर्मित मकानों के स्थान पर पूर्व से निर्मित मकानों की जियो टैगिंग करके लाभार्थी अभियुक्त राहुल व रोहित सिंह को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।
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