चंपारण : बगहा–जटहां गंडक पुल, स्थित स्पष्ट नहीं होने से भ्रम जैसा माहौल
मानचित्र ऑफिशियल नहीं है
गिरेंद्र कुमार पांडेय की रिपोर्ट
बगहा (प.च)। राष्ट्रीय राजमार्ग 727 को कसया एनएच–28 बी तक जोड़ने के लिए लोगों को एक अच्छी सड़क का लम्बे समय से इंतजार है, जैसा की पूर्व में बहुत सारी खबरें आपने पढ़ी है लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा पूरी गंभीरता के साथ इस समस्या पर खबरों का प्रकाशन किया गया है जो की मदनपुर मोड़ से पनियहवा होते हुए कसया को जोड़ने के लिए प्रस्तावित सड़क है या वर्तमान में जो कार्यरत सड़क है उसे सड़क के निर्माण में सबसे बड़ा अवरोध वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र है, जिसको निर्गत करने से वन विभाग ने मना कर दिया है, मना करने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी व बिहार सरकार के द्वारा वैकल्पिक रास्ते के रूप में इस पर काम किया जा रहा है, जिसके लिए जनप्रतिनिधि व मंत्रालय से भी कई बार इस संबंध में जारी आदेश को सार्वजनिक किया गया है, लेकिन अभी भी लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि यह सड़क सह पूल कहां से बनेगी और उत्तर प्रदेश को कंहा जोड़ेगी, इसके लिए जो सर्वे टीम इस पर काम कर रही है, उसमे भी दो या तीन ऑप्शन पर सर्वे किया है अब इन सारी परिस्थितियों के बीच जो स्थिति जो स्थिति बनी है वह स्पष्ट नहीं होने से भ्रम जैसा माहौल बना हुआ है।
ऐसे में वर्तमान जो चर्चा चल रही है उसमें मंगलपुर और शास्त्री नगर दो जगह कि चर्चा है या तो मंगलपुर नहीं तो शास्त्री नगर से नए निर्माण कि चर्चा है जिसमें गंडक नदी पर एक नए ब्रिज का निर्माण होना है और फिर उधर उत्तर प्रदेश के पॉइंट पर पुल का एप्रोच सड़क जुड़ेगा, स्थिति साफ न होने से कौन सी सड़क होगी इन सभी बातों को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं और अटकलो का बाजार गर्म हैं।जनप्रतिनिधि से लोग इस संबंध में स्पष्ट आदेश निर्देश की अपेक्षा में टकटकी लगाए हुए हैं।
अब सवाल यह है कि इसमें दो राज्य और केंद्र सरकार का राष्ट्रीय राजमार्ग संयुक्त रूप से कार्य कर रहा है, इसके लिए नए सिरे से जमीन अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया होनी है जब तक सरकार और मंत्रालय के स्तर पर इस पर कोई आम सहमति नहीं बन जाती है तब तक कुछ भी कहना अभी उपयुक्त नहीं होगा, क्योंकि सबसे बड़ी बात है जमीन अधिग्रहण की जिसमें यूपी गवर्नमेंट से कितनी जमीन अधिग्रहित कर नेशनल हाईवे को देना है और फिर इधर बिहार के क्षेत्र में जो भूमि है उसके लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है सर्वे ही किया जा रहा है, जिस पर फाइनल मोहर लगने के बाद ही जमीन अधिग्रहण की बात आएगी और उसके बाद पूल व सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
बिहार राज्य के जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर इस कार्य को पूरा करने में लगे हुए हैं और उनके अनुसार इस सड़क सह पुल निर्माण के लिए जो अनुमानित राशि है वह भी जारी करने का आदेश मिल चुका है अब ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि यह पुल और सड़क के लिए प्रतीक्षा का समय अब समाप्त होने का आसार नजर आने लगा है।
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