अम्बेडकरनगर-मनमानी तरीके से हो रहा डामर सड़क का पुनर्निर्माण
अम्बेडकरनगर।
सरकार की मनसा है कि शहर से दूर दराज के किसान अपनी उपज इत्यादि को शहर व क्रय केंद्र तक ले जाकर सुगमता से पहुंचा सकें। इसके लिए ग्रामीण सड़कों को सुदृढ़ व सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए कुछेक सड़कों को बनाने हेतु मंडी परिषद को जिम्मेदारी दी है। उसमें भी कहीं न कहीं ठेकेदार ग्रहण लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ऐसी ही एक ग्रामीण क्षेत्र चिउटीपारा से लेकर भिखारीपुर तक हो रहे लगभग सात किलोमीटर डामर रोड निर्माण में काफी अनियमितता बरती जा रही है। स्थिति यह है कि पैर मारने पर भी गिट्टी उखड़ कर छिटक जा रही है। लोगो की जुबानी है कि सड़क के गड्ढे को भरने के लिए पत्थर कम और पत्थर का डस्ट ज्यादा मिलाकर प्रयोग जा रहा है नाम न छापने के शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि डामर युक्त गिट्टी बिछाने के बाद रोड रोलर ही नहीं चलाया जा रहा था,
जब ग्रामीणों ने हो हल्ला मचाया तब कहीं जाकर रोड रोलर चलाया गया वह भी आधा अधूरा नाम मात्र। तमाम जगह आप देख सकते हैं कि बनाई जा रही रोड के किनारे खुले हुए हैं जिसकी स्थिति यह होगी कि बरसात होते ही जहां तोड़ा भी पानी रुका किनारा टूटने व गिट्टी उखाड़ना शुरू हो जाएगी।
मंडी परिषद के इंजीनियर ने कहा
उक्त मामले में जांच करने हेतु मौके पर पहुंचे मण्डी परिषद अयोध्या के इंजीनियर ने बताया कि कोई दिक्कत नहीं होगी ठेका पांच सालों की सिक्योरिटी साथ होता है। यदि कोई समस्या आएगी तो उसके लिए ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है उन्हें फिर से बनवाना होगा। सड़क के किनारे खुली गिट्टी के बाबत इंजीनियर महोदय ने कहा कि वह गिट्टी चौड़ाई से ज्यादा पड़ गई है उसमें तो ठेकेदार का ही नुकसान हो रहा है फिलहाल उसपर मिट्टी पड़ जाएगी कुछ बिगड़ेगा नहीं।
अब सवाल ये पैदा होता है कि इस समय पैसा बचाकर जो अनियमितता बरती जा रही है क्या उसी पैसे में बनेगा या जो रकम पांच साल तक रखरखाव के लिए आता है उससे किया जाएगा?? जब यह बात सत्य है तो अन्य व उसी सड़क पर पांच साल तक गड्ढे क्यों होते हैं। अब क्या बुद्धिमान जिलाधिकारी इस सम्बन्ध में जांच के माध्यम से यथार्थ तथ्य जानकर दोषियों के ऊपर कार्यवाही करेंगे या फिर .........!!
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