ग्राम पंचायत सचिव रामापुर पर रिश्वत लेकर परिवार रजिस्टर में खुर्द बुर्द कर फर्जी अंकन के आरोप
अनुचित लाभ पहुंचाने की मंशा सोबरन की मृत्यु के बाद फर्जी दूसरी पत्नी तैयार कर परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करने का आरोप
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यदि मामले की कर ली जाए निष्पक्ष साक्ष्यो पर आधारित जांच पंचायत सचिव पर गाज गिरना तय
लखीमपुर खीरी- मामला विकासखंड लखीमपुर के अंतर्गत न्याय पंचायत सलेमपुर कोन की ग्राम पंचायत रामापुर का है जहां पर नियम कानून को ताक पर रखकर भारी भरकम रिश्वत राशि लेकर परिवार रजिस्टर में जमकर फर्जीवाडा करके एक फर्जी महिला शकुंतला देवी को मृतक सोबरन की पत्नी दर्ज कर भरी फर्जीवाडा किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं इतना ही नहीं ग्राम पंचायत सचिव द्वारा परिवार रजिस्टर में दर्ज मृतक सोबरन के परिवार के लोगों में पत्नी फूलमती और उनके बेटों की जन्म तिथि में भी भारी फेरबदल किया गया है परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करने के लिए साक्ष्यो को जुटाया जाता है।
और उसके बाद ग्राम सभा में मीटिंग आहुत की जाती है और गांव के लोगों के समक्ष प्रस्ताव पास किया जाता है लेकिन पंचायत सचिव द्वारा सारे नियम कानून को ताक पर रखते हुए और दस्तावेज साक्ष्यो को दरकिनार करके फर्जी तरीके से शकुंतला का नाम मृतक सोबरन के परिवार रजिस्टर में खुर्द बुर्द करके बतौर और सोबरन की पत्नी दर्ज कर दिया गया यदि दस्तावेजी साक्ष्यो में वर्ष 2002 में जारी की गई परिवार रजिस्टर की नकल पर गौर करें तो सोबरन की जन्म तिथि 1941 और उनकी पत्नी फूलमती की जन्म तिथि 1956 अंकित है वही उनके बेटे रमेश चंद्र पुत्र सोबरन की जन्म तिथि 1973 अंकित है।
लज्जावती पत्नी रमेश चंद की जन्म तिथि 1963 दर्ज कागजात है दिलीप कुमार की 1969 सुमन देवी पत्नी दिलीप की डीओबी 1971 दर्ज कागजात है वह वर्ष 2018 में जारी की गई परिवार रजिस्टर की नकल में पंचायत सचिव द्वारा जमकर फर्जीवाडा किया गया जिसमें फूलमती की जन्म तिथि में फेरबदल कर उनकी जन्म तिथि 1956 से घटकर 1946 दर्ज कर दिया गया और सोबरन के पुत्र रमेश चंद्र की जन्म तिथि 1973 से घटाकर 11/ 12/ 1966 कर दिया गया यहां पर सबसे अहम सवाल यह है कि जब तक सोबरन लाल जीवित रहे तब तक कथित दूसरी पत्नी शकुंतला कहां थी।
क्या शकुंतला सोबरन के मरने के बाद पत्नी बनाई गई इस यक्ष प्रश्न का उत्तर नकल जारी करने व परिवार रजिस्टर में खुर्द बुर्द करके फर्जी नाम अंकित करने वाले पंचायत सचिव साहब के पास भी नहीं मिल पा रहा है वर्ष 2002 को जारी परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज न होने के 18 साल बाद कहां से बन गई शकुंतला सोबरन की कथित पत्नी यदि शकुंतला सोबरन की पत्नी थी तो वर्ष 2002 के परिवार रजिस्टर में नाम क्यों नहीं चढ़ावाया गया और फूलमती और रमेश चंद की जन्म तिथि से छेड़छाड़ क्यों की गई अहम सवाल बने हैं।
ग्राम प्रधान छाउछ द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र के अनुसार शकुंतला की शादी 30 वर्ष पहले छाउछ निवासी हरिनाम के साथ हुई थी शकुंतला देवी पुत्री राम प्रसाद निवासी गोरिया भीलम की है लगभग 5 वर्ष तक छाउछ में रही और उसके बाद इनकी छुडौती हो कर अपने घर चली गई थी जिसमें कई पंचायत सदस्यों द्वारा घटना की पुष्टि की है इतना ही नहीं पंचायत निर्वाचन नामावली में शकुंतला पुत्री राम प्रसाद दर्ज होना बताता है कि यह सोबरन की पत्नी अब नहीं है वह सुलोचना देवी पत्नी नीरज कुमार अंकित होना सोबरन की पुत्री ना होने की पुष्टि को काफी है।
जब परिवार रजिस्टर में पहली पत्नी का नाम दर्ज था और कोई पत्नी व बच्चे दर्ज नहीं थे तो सोबरन की मृत्यु के बाद कहां से आ गई इसकी दूसरी पत्नी पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी संभव नहीं है पहली पत्नी की मृत्यु 2002 में होना बताया जा रहा है तो क्या 60 वर्ष की आयु में सोबरन ने शादी की अहम सवाल यदि जिला अधिकारी कराए निष्पक्ष जांच तो एक बड़े फर्जीवाडा और भ्रष्टाचार का होगा खुलासा।
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