साहित्यकार, विंध्यरत्न, समाजसेवी व विंध्याचल के धरोहर रहे पंडित छबीले मिश्र पंच तत्वों में विलीन
अट्ठासी वर्ष की आयु में निज निवास पर ली अंतिम सांस

अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों चाहने वाले
रिपोर्ट_रामलाल साहनी
स्वतंत्र प्रभात, मीरजापुर
विंध्याचल, मीरजापुर । विंध्याचल में दशकों से चर्चित कर्मयोद्धा पंडित छबीले मिश्र का अट्ठासी वर्ष की आयु में उनके निज निवास पर हृदयगति रुकने के चलते स्वर्गवासी हो गए । सुबह सात बजे के करीब अपने परिजनों से बातचीत करते संसार से विरक्त होने वाले छबीले मिश्र के दिवंगत होने की खबर ने पूरे क्षेत्रवासियों में शोक की लहर उत्पन्न कर दी । अपने संघर्षमय जीवन में उन्होंने काफी उतार चढ़ाव देखा ।
निडर , निर्भीक स्वभाव वाले मिश्र अपने मृदुवचन व सहयोग के आकर्षण से हर किसी को अपना बना लेने की कला में माहिर थे । अपने परिजनों की रक्षा के दृष्टिगत लोगों से मिलने वाले समस्त विष का स्वपान कर परिजनों के हिस्से में अमृत का भंडार छोड़ दिया । साहित्य के प्रति समर्पित मिश्र ने बहुत सी काव्य रचनाओं के साथ साथ कुछ अहम पुस्तकों की भी रचना की , जिनमे " श्राद्ध कर्म विवेक " नामक पुस्तक से पूर्वजों का सम्मान करने का तरीके का भी प्रचार प्रसार समाज में किया ।
मां विंध्यवासिनी के चरणों पर अटूट श्रद्धा रखने वाले शास्खियत की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया । अंतेष्टि के समय गंगाघाट पर कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के अलावा विभिन्न पार्टियों के नेतागण व जनपद के पत्रकारगण भी विद्यमान रहे ।
उपस्थितों में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र , पूर्व चेयरमैन नगरपालिका दीपचंद जैन , मनोज श्रीवास्तव , राजेश चौरसिया , दीपू पाण्डेय , पत्रकार आकाश दुबे , नितिन अवस्थी , अमरेश मिश्रा, राजकुमार उपाध्याय , जयेंद्र चतुर्वेदी , अरुण मिश्र , प्रशांत यादव , देव गुप्ता , अनुज पाण्डेय , रविशंकर शास्त्री , अनुज गुप्ता , इंद्रेश पाण्डेय , सुरेश सिंह , नीरज सिंह , आनंद मोहन मिश्र , रामलाल सहनी , वतन शुक्ला डाक्टर संजय मुसद्दी इत्यादि लोग मौजूद रहे ।
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