आस्था के साथ महिलाओं ने मनाया छठ पर्व डूबते हुए सूर्य की पूजा
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स्वतंत्र प्रभात
गोण्डा।
छठ का पर्व पूरे चार दिन तक चलता है। नहाए-खाए से इसकी शुरुआत होती है, जो डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होती है। ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में। चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को 'चैती छठ' और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को 'कार्तिकी छठ' कहा जाता है।

बभनजोत क्षेत्र की कई महिलाओं ने खरही भारी मानसरोवर तालाब में छठी मैया और सूर्य देव की पूजा की l यह पर्व लोक आस्था के साथ पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए ये मनाया जाता है। इसमें पारिवारिक सुख समृद्धि और बच्चों की सुरक्षा के लिए 36 घंटे का व्रत रखा जाता है l
छठ पूजा में महिलाएं पति व बच्चों की लंबी आयु की कामना की जाती है और नाक से लेकर मांग तक सिंदूर भरती हैं इसके अलावा छठ के पर्व पर डूबते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है l ग्राम पंचायत बुक्कनपूर के प्रधान कन्हैया बक्श सिंह ने आरोप लगाया कि मानसरोवर तालाब में न तो साफ सफाई का कोई व्यवस्था किया गया और न ही वहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई पुलिस बल तैनात था l उन्होंने आगामी छठ पर ग्राम पंचायत बुक्कनपूर में मानसरोवर तालाब पर छठ मनाने की लोगों से अपील की है l
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